बांके बिहारी मंदिर में VIP पास पर रोक, जानिए क्यों लिया गया ये फैसला?

Published : Sep 12, 2025, 06:42 PM IST
Banke Bihari Temple

सार

Banke Bihari Temple: मथुरा के श्री बांके बिहारी मंदिर में वीआईपी पास के साथ दर्शन पर रोक लगा दी गई है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने यह निर्णय लिया है। अब प्रत्येक श्रद्धालु को कतार में लगकर ही दर्शन करने होंगे। 

Banke Bihari Mandir VIP Pass: यूपी के मथुरा जिले में स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर में देश भर से श्रद्धालु दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। हालांकि, अब मंदिर की उच्चाधिकार प्राप्त प्रबंध समिति ने दर्शन को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। समिति ने शुक्रवार को मंदिर में दर्शन के लिए वीआईपी पास को तत्काल प्रभाव से बंद करने की घोषणा की है। इसके साथ ही दर्शन के लिए लाइव प्रसारण शुरू करने समेत कई बड़े फैसले लिए गए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने गुरुवार शाम एक बैठक में मंदिर में दर्शन और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का बड़ा प्रयास किया है।

वीआईपी डॉक हटाया जाएगा

इस संबंध में शुक्रवार को जिला सूचना अधिकारी द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। इसके अनुसार, अब पर्ची कटाकर वीआईपी बनकर मंदिर में दर्शन करने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। इसके लिए वीआईपी डॉक भी हटाया जाएगा। आगे बताया गया कि अब हर व्यक्ति को अपनी बारी के लिए कतार में लगकर इंतजार करना होगा, ताकि मंदिर प्रशासन पर भेदभाव का आरोप न लगे और दर्शनार्थियों के बीच अनावश्यक धक्का-मुक्की न हो।

प्रवेश और निकास द्वार तय होंगे

विज्ञप्ति के अनुसार, एसएसपी अगले तीन दिनों में तय करेंगे कि किन द्वारों से प्रवेश होगा और किन द्वारों से निकास होगा। इसके अलावा, अब मंदिर की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी पुलिस या निजी गार्डों के बजाय पूर्व सैनिकों या पेशेवर सुरक्षा एजेंसियों को सौंपी जाएगी। विज्ञप्ति में बताया गया कि अब मंदिर पहले से ज़्यादा देर तक दर्शन के लिए खुला रहेगा और इतना ही नहीं, दुनिया के किसी भी कोने से ठाकुर जी के दर्शन की सुविधा भी जल्द ही शुरू की जाएगी। विज्ञप्ति के अनुसार, मंदिर गर्मियों में तीन घंटे ज़्यादा और सर्दियों में सवा तीन घंटे ज़्यादा खुला रहेगा।

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वर्षों से बंद कमरा खोला जाएगा

समिति ने यह भी निर्णय लिया कि मंदिर भवन का संरचनात्मक ऑडिट आईआईटी रुड़की से कराया जाए और यह भी पता लगाया जाए कि मंदिर के पास कितनी चल-अचल संपत्ति है। समिति ने विशेष रूप से वर्ष 2013 से 2016 तक की अनियमितताओं की जांच के लिए एक विशेष ऑडिट कराने और 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट समिति को सौंपने का निर्णय लिया है। समिति ने मंदिर के गर्भगृह में वर्षों से बंद पड़े कमरे को खोलने का निर्णय लिया है। विज्ञप्ति के अनुसार, इसके साथ ही वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी ताकि कमरे में क्या है, इसकी रिकॉर्डिंग हो सके।

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