
Chaitra Purnima 2025 Easy Remedies: क्या आपकी जिंदगी में बिना वजह रुकावटें आ रही हैं? मेहनत के बाद भी सफलता दूर लगती है? परिवार में अशांति या पैसों की तंगी ने परेशान कर रखा है? अगर हां, तो इस बार 12 अप्रैल 2025 की चैत्र पूर्णिमा को जरूर याद रखें। क्योंकि यही है वो दिन, जब आप अपने जीवन में छिपी समस्याओं की जड़ यानी पितृदोष से छुटकारा पा सकते हैं, वो भी आसान उपायों से।
हिंदू धर्म में चैत्र मास की पूर्णिमा का बड़ा महत्व है। ये सिर्फ एक शुभ तिथि नहीं, बल्कि पूर्वजों की आत्मा को शांति देने और उनका आशीर्वाद पाने का विशेष अवसर होती है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, भगवान शिव-विष्णु की पूजा और पितरों के लिए तर्पण करने से न सिर्फ उनके आशीर्वाद मिलते हैं, बल्कि जीवन में सुख, धन और शांति भी बढ़ती है।
ज्योतिष के अनुसार, जब किसी व्यक्ति के पूर्वजों का श्राद्ध, तर्पण या पिंडदान ठीक से नहीं होता, तो उनकी आत्मा अधूरी रह जाती है। ऐसे में पितृदोष बनता है, जो जीवन में रुकावट, बीमारी, नौकरी या शादी में परेशानी जैसे कई संकट खड़े कर देता है।
गंगा स्नान व तर्पण: अगर संभव हो तो गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। नहीं तो घर पर स्नान जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और तर्पण करें।
सूर्य को अर्घ्य दें: तांबे के लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं और अपने पूर्वजों को याद करते हुए शांति की प्रार्थना करें।
पितरों के नाम का भोजन: पूर्वजों के लिए सात्विक भोजन बनाएं और उसे गाय, कौए और कुत्ते को खिलाएं। माना जाता है कि ये जीव पितरों तक भोजन पहुंचाते हैं।
पीपल वृक्ष की पूजा: पीपल को जल दें, दीपक जलाएं और 7 परिक्रमा करें। इससे पितृ दोष शांत होता है।
दीपदान खासकर दक्षिण दिशा में: रात को घर के दक्षिण हिस्से में दीपक जलाएं। दक्षिण दिशा पूर्वजों की मानी जाती है।
दान करें: काले तिल, अन्न, वस्त्र या मिठाई किसी जरूरतमंद या ब्राह्मण को दान करें।
शिवलिंग पर जल व तिल अर्पित करें: शिवजी को दूध, बेलपत्र, धतूरा और काले तिल चढ़ाएं। साथ ही "ॐ पितृभ्यः नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।