
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वान थे। अपनी बुद्धि बल के सहारे ही उन्होंने कईं महान कार्य किए और चंद्रगुप्त मौर्य को अखंड भारत का सम्राट बनाया। उनकी बताई गई कुछ नीतियां आज के समय में भी हमारे लिए बहुत काम की हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि किस वजह से स्त्री-पुरुष उम्र से पहले ही बूढ़े हो जाते हैं। जानें आचार्य चाणक्य की इस नीति के बारे में…
चाणक्य नीति का श्लोक
अध्वा जरा मनुष्याणां वाजिनां बंधनं जरा।
अमैथुनं जरा स्त्रीणां वस्त्राणाम् आतपो जरा।।
श्लोक का अर्थ- पुरुष के लिए लगातार पैदल चलना और यात्रा करना कम उम्र में बूढ़ापे का कारण होता है। वहीं जवान स्त्री यदि मैथुन न करे तो उस पर जल्दी बूढ़ापा आ जाता है। घोड़े को बांधकर रखने से और कपड़ों को धूप में रखने से, वे भी जल्दी बूढ़े हो जाते हैं।
आचार्य चाणक्य यदि कोई पुरुष अधिक से अधिक पैदल चले और यात्रा करते रहे तो उसका शरीर जल्दी ही जीर्ण हो जाता है। ऐसे पुरुष में जीवन शक्ति का अभाव हो जाता है और वह समय से पहले ही बूढ़ा नजर आने लगता है। इसलिए पुरुष को चाहिए कि वह आवश्यकता से अधिक पैदल न चले और यात्रा न करे।
आचार्य चाणक्य की मानें तो जवान स्त्री के लिए मैथुन जरूरी है। ऐसा न करने पर उसकी इच्छाएं मृत समान हो जाती हैं और ये स्थिति महिलाओं को समय से पहले जल्दी बूढ़ा कर देती हैं न सिर्फ शरीर से बल्कि मानसिक रूप से भी।
घोड़ों का काम है दौड़ना, उसकी यही खासियत उसे जवान बनाए रखती है। जिस घोड़े को लगातार बांध के रखा जाता है वह अपनी विशेषता भूल जाता है और समय से पहले ही बूढ़ा नजर हो जाता है। इसलिए घोड़े को कभी भी ज्यादा समय तक बांधकर नहीं रखना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार जिन कपड़ों को लंबे समय तक धूप में रखा जाता है वे जल्दी ही बूढ़े हो जाते हैं यानी जीर्ण-शीर्ण होकर फट जाते हैं। इसलिए कपड़ों को कभी तेज धूप में नहीं सुखाना चाहिए।
Disclaimer
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