
Chankya Niti: आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक थे। उन्होंने अपनी नीतियों में लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्रों के बारे में बताया है। लाइफ मैनेजमेंट के ये सूत्र आज भी हमारे लिए बहुत काम के हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में 4 ऐसी चीजों के बारे में बताया है जो मरते दम तक हमारा साथ निभाती हैं और खास बात ये है कि इन चीजों में पैसों की कोई जरूरत नहीं होती। आगे जानिए कौन-सी हैं ये 4 चीजें…
आचार्य चाणक्य के साथ आप अपने जीवन में जो भी ज्ञान प्राप्त करते हैं वो जीवन भर आपके काम आता है। यहां तक कि मरते दम वो ज्ञान आपके साथ ही रहता है। ये ज्ञान कदम-कदम पर जीवन भर तो हमारा साथ निभाता ही है साथ ही मरने से पहले यदि हम किसी को ये ज्ञान दे दे तो हमारे मरने के बाद भी वो ज्ञान लोगों की भलाई के काम में आ सकता है। इसलिए कहा गया है कि ज्ञान मरते दम तक हमारा साथ निभाता है।
हिंदू धर्म में दान एक जरूरी कर्म माना गया है। हमारी कमाई का एक निश्चित हिस्सा दान के रूप में देने की बात धर्म ग्रंथों में बताई गई है। ऐसा भी कहा गया है मरते हुए व्यक्ति का सच्चा साथी दान ही है क्योंकि जरूरतमंदों को दिए गए दान से ही मरने के बाद अच्छे लोकों की प्राप्ति संभव है। जो लोग जीवन भर समय-समय पर जरूरतमंदों को दान करते हैं, मरने के बाद भी उन्हें याद किया जाता है। इसलिए कहते हैं दान मरते दम तक हमारा साथ निभाता है।
मनुष्य का सच्चा साथी धर्म होता है क्योंकि उसी से हमें सही और गलत का का ज्ञान होता है। धर्म पर चलने वाला व्यक्ति हमेशा अच्छे काम ही करता है। धर्म अंत समय तक व्यक्ति के साथ रहता है। धर्म पर चलने वाले व्यक्ति का मृत्यु के बाद भी सम्मान होता है। इसलिए मनुष्य के सदैव धर्म का पालन करना चाहिए।
इंसान के कर्म कभी उसका पीछा नहीं छोड़ते, चाहे वो अच्छे हो या बुरे। जो व्यक्ति अपने जीवन में अच्छे कर्म करता है उसका पुण्य फल उसे न अपने जीवन काल में बल्कि मरने के बाद भी मिलता है। इसलिए हमारे विद्वान कह गए हैं कि मनुष्य को सदैव शुभ यानी अच्छे कर्म ही करने चाहिए, जिससे मरने के बाद भी उसका पुण्य उसे मिलते रहे।
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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।