Nahay Khay 2025 Date: कब है नहाय खाय, 25 या 26 अक्टूबर? नोट करें सही डेट

Published : Oct 23, 2025, 01:39 PM IST

Nahay Khay 2025 Date: छठ पूजा उत्तर भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ये पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है। इस व्रत में सूर्यदेव और छठ मैया की पूजा की जाती है। छठ पूजा के पहले दिन को नयाय-खाय कहते हैं।

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2025 में छठ पूजा कब से शुरू होगी?

Nahay Khay 2025 Kab Hai: हिंदू धर्म में भगवान सूर्य से संबंधित अनेक व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं, छठ पूजा भी इनमें से एक है। इसे सूर्य षष्ठी भी कहते हैं। छठ पूजा का पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है। छठ पूजा के पहले दिन को नहाय-खाय कहते हैं। इसी दिन से छठ पूजा की शुरूआत होती है। इस दिन व्रती (व्रत करने वाले) खास तरह का प्रसाद बनाकर खाते हैं और व्रत-पूजा का संकल्प लेते हैं। जानें इस बार कब है नहाय-खाय और इस दिन से जुड़ी खास बातें…

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कब है नहाय खाय 2025?

धर्म ग्रंथों के अनुसार, छठ पर्व की शुरूआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है। इस बार ये तिथि 25 अक्टूबर, शनिवार को है यानी इसी दिन से छठ पर्व की शुरूआत होगी और नहाय खाय उत्सव मनाया जाएगा। छठ पर्व का पहला दिन होने से इसका विशेष महत्व है। नहाय-खाय से जुड़ी कईं परंपराएं व मान्यताएं हैं जो इसे और भी खास बनाती हैं।


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क्या है नहाय खाय का अर्थ?

नहाय खाय का सीधा सा अर्थ है स्नान करने के बाद भोजन करना। लेकिन इस स्नान और भोजन का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत यानी जो छठ पूजा का व्रत करते हैं वो लोग पवित्र नदी या तालाब में स्नान कर 4 दिनों तक चलने वाले इस व्रत का संकल्प लेते हैं। इस दौरान ये 36 घंटों का निर्जला व्रत भी करते हैं। व्रती इस दिन चावल, चना दाल और लौकी या कद्दू की सब्जी खाते हैं। इस भोजन को बहुत ही पवित्र माना जाता है।

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नहाय-खाय के दिन क्या करें-क्या नहीं?

1. नहाय खाय छठ पूजा का पहला दिन होता है, इसलिए इस दिन व्रती (व्रत करने वाले) घर की साफ-सफाई करते हैं। यानी अपने घर को शुद्ध और पवित्र बनाते हैं।
2. नहाय खाय के दिन व्रती को पवित्र नदी या तालाब में स्नान करना जरूरी होता है। इसी अवस्था में व्रती 4 दिन तक चलने वाले इस व्रत का संकल्प लेते हैं।
3. नहाय खाय के दिन व्रती एक ही बार भोजन करते हैं। ये खाना बहुत साफ-सफाई और पवित्रता से तैयार किया जाता है।
4. इस दिन से अगले 4 दिनों तक घर में मांस-मदिरा का लाना वर्जित रहता है यानी घर में किसी तरह की कोई अपवित्र वस्तु नहीं लाई जाती।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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