दिवाली, रोशनी का त्योहार, भारत और दुनिया भर में मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इस साल, दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी, और कुछ समुदाय इसे 1 नवंबर, 2024 को मनाएंगे।
दिवाली, रोशनी का त्योहार, भारत और दुनिया भर में मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इस साल, दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी, और कुछ समुदाय इसे 1 नवंबर, 2024 को मनाएंगे।
पांच दिनों का यह त्योहार, जो धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर समाप्त होता है, न केवल उत्सव का समय है, बल्कि आशीर्वाद प्राप्त करने का भी एक पवित्र समय है, जिसमें देवी लक्ष्मी और गणेश को समर्पित विशेष पूजा की जाती है।
त्योहार का मुख्य आकर्षण दिवाली की रात ही होती है, जहां घरों को दीयों और रंगीन रोशनी से सजाया जाता है, और परिवार लक्ष्मी-गणेश आरती और पूजा करने के लिए इकट्ठा होते हैं।
परंपरा के अनुसार, भक्ति का यह कार्य समृद्धि लाता है, बाधाओं को दूर करता है, और आने वाले वर्ष के लिए आशीर्वाद का आह्वान करता है।
दिवाली 2024 के लिए अनुशंसित शीर्ष पंद्रह आरतियों और भजनों का संग्रह यहां दिया गया है:
1. गणेश आरती - जय गणेश देवा: यह आरती विघ्नहर्ता भगवान गणेश के सम्मान में गाई जाती है। इस आरती को करके, भक्त सुचारू, सफल वर्ष और बाधाओं से मुक्त एक नई शुरुआत के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।
2. लक्ष्मी आरती - ओम जय लक्ष्मी माता: दिवाली के दौरान सबसे लोकप्रिय आरतियों में से एक, "ओम जय लक्ष्मी माता", धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का सम्मान करती है। ऐसा माना जाता है कि इस आरती को करने से घर में धन की वृद्धि होती है और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।
3. गणेश चालीसा: यह भगवान गणेश को समर्पित एक भक्ति स्तुति है, जिसका पाठ भक्त अपने जीवन और प्रयासों में बुद्धि, समृद्धि और बाधाओं को दूर करने के लिए उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।
4. श्री लक्ष्मी चालीसा: लक्ष्मी चालीसा देवी लक्ष्मी की स्तुति में एक स्तुति है। दिवाली की रात इसका पाठ करने से उनके आशीर्वाद को आकर्षित करने और परिवार में समृद्धि बढ़ाने के लिए कहा जाता है।
5. महा लक्ष्मी अष्टकम: यह प्राचीन आठ श्लोक वाला स्तोत्र देवी लक्ष्मी को समर्पित है। दिवाली के दौरान इसका पाठ करने से देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में धन, स्वास्थ्य और शांति सुनिश्चित होती है।
6. सुखकर्ता दुखहर्ता - गणेश आरती: महाराष्ट्र में एक लोकप्रिय आरती, "सुखकर्ता दुखहर्ता" भगवान गणेश से दुख दूर करने और परिवार में खुशी और सफलता लाने का आशीर्वाद मांगती है।
7. जय लक्ष्मी रमण: यह देवी लक्ष्मी का सम्मान करने वाला एक शक्तिशाली भक्ति मंत्र है, जो भक्तों के जीवन में धन, समृद्धि और प्रचुरता के लिए उनके आशीर्वाद का आह्वान करता है।
8. जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी: यह एक श्रद्धेय मंत्र है जो देवी महालक्ष्मी की दिव्य स्त्री ऊर्जा का जश्न मनाता है, जो समृद्धि, भाग्य और अपने भक्तों के जीवन में बाधाओं को दूर करने का प्रतीक है।
9. श्री महालक्ष्मी सुप्रभातम: यह देवी महालक्ष्मी को समर्पित एक पवित्र भजन है, जो भक्तों के लिए समृद्धि, सफलता और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए दिन की शुरुआत में उनके आशीर्वाद का आह्वान करता है।
10. गणेश अमृतवाणी: यह भगवान गणेश को समर्पित एक भक्ति गीत है, जो उनके गुणों का जश्न मनाता है और ज्ञान, सफलता और सभी प्रयासों में बाधाओं को दूर करने के लिए उनका आशीर्वाद मांगता है।
11. लक्ष्मी अमृतवाणी: देवी लक्ष्मी को समर्पित यह पवित्र भजन, उनके भक्तों के जीवन में धन, समृद्धि और प्रचुरता के लिए आशीर्वाद का आह्वान करते हुए भक्ति और कृतज्ञता व्यक्त करता है।
12. अष्टलक्ष्मी स्तोत्र: यह देवी लक्ष्मी के आठ रूपों को समर्पित एक शक्तिशाली भजन है, जिनमें से प्रत्येक समृद्धि, धन और प्रचुरता के एक अलग पहलू का प्रतिनिधित्व करता है, और समग्र कल्याण और सफलता के लिए उनका दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इसका पाठ किया जाता है।
13. राधा कृष्ण भजन - अच्युतम केशवम: भगवान कृष्ण की स्तुति में यह भक्ति गीत भक्तों के लिए शांति और खुशी लाता है। दिवाली के दौरान इसे गाने से एक दिव्य माहौल बनता है, जिससे घर में आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है।
14. महालक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली: देवी लक्ष्मी के 108 नामों का यह जाप उनकी दिव्य उपस्थिति का आह्वान करने की एक प्राचीन प्रथा है। दिवाली के दौरान, यह समृद्धि और प्रचुरता को आमंत्रित करने में विशेष रूप से फायदेमंद है।
15. श्री राम चंद्र कृपालु भजमन: भगवान राम को समर्पित एक भावपूर्ण भजन, उनका आशीर्वाद मांगते हुए प्रेम और भक्ति व्यक्त करता है।