
Guru Purnima 2025: हिंदू धर्म में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर है। जीवन में गुरु के महत्व को बतान के लिए हर साल आषाढ़ पूर्णिमा पर गुरु की पूजा की जाती है। इस पर्व को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। गुरु की महिमा को समझने और बताने के लिए अनेक सुमधुर भजन बनाए गए हैं। गुरु पूर्णिमा पर इन भजनों को सुनकर दिन की शुरूआत की जाए तो गुरु की कृपा और आशीर्वाद आपको मिलता रहेगा। ये हैं गुरु के फेमस भजन…
सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में,
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में
हृदय में माँ गौरी लक्ष्मी, कंठ शारदा माता है
जो भी मुख से वचन कहें, वो वचन सिद्ध हो जाता है
हैं गुरु ब्रह्मा, हैं गुरु विष्णु, हैं शंकर भगवान आपके चरणो में
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में…
जनम के दाता मात पिता हैं, आप करम के दाता हैं
आप मिलाते हैं ईश्वर से, आप ही भाग्य विधाता हैं
दुखिया मन को रोगी तन को, मिलता है आराम आपके चरणो में
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में…
निर्बल को बलवान बना दो, मूर्ख को गुणवान प्रभु
‘देवकमल’ और ‘वंसी’ को भी ज्ञान का दो वरदान गुरु
हे महा दानी हे महा ज्ञानी, रहूँ मैं सुबहो श्याम आपके चरणो में
हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में...
गुरुवर के चरणों में, मेरा है प्रणाम,
आठों याम जपूँ मैं,
गुरूजी को नाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
गुरुवर के चरणों में, मेरा है प्रणाम,
आठों याम जपूँ मैं,
गुरूजी को नाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
मैं हूँ दीन तो सतगुरु दयालु,
किरपा है करते बनके कृपालु,
गुरुवर की सेवा ही,
सबसे है ऊँचा काम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
सतगुरु में देखूं मथुरा और काशी,
आत्मा मेरी है सतगुरु की दासी,
गुरु में ही देखे है,
मैंने शिव और राम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
नैनो में बसे गुरु जय हो जय हो,
दिल कहूं गुरु जय हो जय हो,
गुरु के बिना नहीं,
जग में कही आराम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
कमल कपिल पूरी संत सयाने,
भक्तों के रहते है बनके मुहाने,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
गुरुवर के चरणों में, मेरा है प्रणाम,
आठों याम जपूँ मैं,
गुरूजी को नाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
गुरुवर के चरणों में, मेरा है प्रणाम,
आठों याम जपूँ मैं,
गुरूजी को नाम,
गुरुवर के चरणो में,
मेरा है प्रणाम ||
गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद
गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत
गुरु मेरा देव अलख अभेव
सरब पूज्य, चरण गुरु सेवू
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु बिन अवर नहीं मैं थाओ
अन दिन जपो, गुर गुर नाओ
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु मेरा ग्यान, गुरु रिदे धयान
गुरु गोपाल पुरख भगवान्
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु की सरन रहूँ कर जोर
गुरु बिना मैं नाही होर
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु बोहित तारे भव पार
गुरु सेवा ते यम छुटकार
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
अन्धकार में गुरु मन्त्र उजारा
गुरु कै संग सगल निस्तारा
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु पूरा पाईये वडभागी
गुरु की सेवा दुःख ना लागी
॥ गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद...॥
गुरु का सबद ना मेटे कोई
गुरु नानक नानक हर सोए
गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद
गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत
दिल में ना जाने सतगुरु (Dil Mai Na Jane Satguru Lyrics In Hindi)
दिल में ना जाने सतगुरु,
क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
दिल में ना जाने सतगुरु,
क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
जिस दिन से पी लिया है,
तेरे नाम का यह प्याला,
मुझको खबर नहीं है,
मेरा दिल किधर गया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
तूने हाथ जिसका थामा,
बंदा बना प्रभु का,
हुई नज़र जिस पे तेरी,
समझो के तर गया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
तेरी चरण धूलि जब से,
मस्तक को छू गयी है,
मेरी तकदीर बदल गयी है,
जीवन सवार गया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
दिल में ना जाने सतगुरु,
क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
दिल में ना जाने सतगुरु,
क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा,
इकरार कर लिया है ||
ऐ री मेरे सतगुरु कृपा निधान,
सतगुरु कृपा निधान,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान ||
मोह माया के फंद छुडावे,
मोह माया के फंद छुडावे,
हरि मिलन की लगन लगावे,
हरि मिलन की लगन लगावे,
करे हर विपदा निदान,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान ||
श्री गुरु ही सतमार्ग दिखावे,
श्री गुरु ही सतमार्ग दिखावे,
भजन साधन की रीत सिखावे,
भजन साधन की रीत सिखावे,
श्री गुरु मेरे भगवान,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान ||
श्री गुरु चरणों में जिसका ठिकाना,
श्री गुरु चरणों में जिसका ठिकाना,
उस पे लुटाया किरपा का खजाना,
उस पे लुटाया किरपा का खजाना,
हर पल रखते ध्यान,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान ||
प्रभु नाम का अमृत पिला के,
प्रभु नाम का अमृत पिला के,
चित्र विचित्र को अपना बना के,
चित्र विचित्र को अपना बना के,
पागल किया कल्याण,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान ||
ऐ री मेरे सतगुरु कृपा निधान,
सतगुरु कृपा निधान,
ऐ रीं मेरे सतगुरु कृपा निधान ||
मेरे गुरुदेव की मुझ पर कृपा (Mere Gurudev Ki Mujha Par Kripa Ho Jaye Lyrics In Hiandi)
मेरे गुरुदेव की मुझ पर कृपा एक बार हो जाये एक बार हो जाये,
लगा लू रज मे चरणों की मेरा उद्धार हो जाये ||
मेरे गुरुदेव की मुझ पर कृपा एक बार हो जाये एक बार हो जाये,
लगा लू रज मे चरणों की मेरा उद्धार हो जाये ||
मेरे हो तुम गूरूदेवा लगाकर मन करूँ सेवा,
जगा दो ज्ञान की ज्योति, चमन गुलज़ार हो जाए || ||
दया के आप हो सागर मेरी भरदो प्रभु गागर,
बहा दो प्रेम की गँगा बेड़ा पार हो जाये || ||
फँसे है मोह माया में, बिठा लो चरण छाया में,
शरण तेरी जो आ जाए, कमल गुलज़ार हो जाए || ||
मेरे गुरु देव की मुझ पर कृपा एक बार हो जाये,
लगा लू रज मे चरणों की मेरा उद्धार हो जाये ||
मेरे गुरुदेव की मुझ पर कृपा एक बार हो जाये एक बार हो जाये,
लगा लू रज मे चरणों की मेरा उद्धार हो जाये ||