
Halharini Amavasya 2025 Date: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक महीने में दो पक्ष होते हैं, इनमें से कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि के देवता पितृ हैं, इसलिए इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष उपाय व पूजा की जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल में कुल 12 अमावस्या आती है, इनमें से आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। ये अमावस्या बहुत ही खास होती है। इस बार हलहारिणी अमावस्या जून 2025 के अंतिम सप्ताह में रहेगी। जानें हलहारिणी अमावस्या की सही डेट…
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि 24 जून मंगलवार की शाम 06 बजकर 59 मिनिट से शुरू होगी, जो 25 जून, बुधवार की दोपहर 04 बजकर 01 मिनिट तक रहेगी। चूंकि अमावस्या तिथि का सूर्योदय 25 जून को होगा, इसलिए इसी दिन हलहारिणी अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन अमृत, सर्वार्थसिद्धि, वृद्धि और ध्रुव नाम के 4 शुभ योग बनेंगे।
धर्म ग्रंथों में हलहारिणी अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। इस अमावस्या में हल शब्द का उपयोग किया गया है जो खेती में उपयोग आने वाला महत्वपूर्ण यंत्र है। इस अमावस्या का ये नाम विद्वानों ने काफी सोच-समझकर रखा है क्योंकि आषाढ़ मास से ही बारिश शुरू होती है इसलिए ये समय खेती के लिए उपयुक्त होता है और खेती के लिए हल की जरूरत होती है। हलहारिणी अमावस्या पर किसान अपने हल सहित अन्य उपकरणों की पूजा कर उनका आभार प्रकट करता है जिससे ईश्वर की कृपा उस पर बनी रहे और खेती में अच्छा पैदावार हो।
- सुबह 07:27 से 09:08 तक
- सुबह 10:48 से 12:29 तक
- दोपहर 03:50 से 05:31 तक
- शाम 05:31 से 07:11 तक
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।