Narad Jayanti 2025: देवर्षि नारद ने क्यों दिया था भगवान विष्णु को श्राप?

Published : May 13, 2025, 09:24 AM ISTUpdated : May 13, 2025, 11:37 AM IST
Narad Jayanti 2025

सार

Narad Jayanti 2025: हर साल ज्येष्ठ मास में नारद जयंती का पर्व मनाया जाता है। देवर्षि नारद भगवान विष्णु के परम भक्त हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं एक बार क्रोध में आकर नारद ने भगवान विष्णु को श्राप दे दिया था। 

Kab Hai Narad Jayanti 2025: हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर नारद जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 13 मई, मंगल वार को मनाया जाएगा। नारद मुनि को ब्रह्माजी का मानस पुत्र भी कहा जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर देवऋषि नारद प्रकट हुए थे। देवर्षि नारद से जुड़ी अनेक कथाएं श्रीमद्भागवत आदि ग्रंथों में बताई गई हैं। देवर्षि नारद भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक हैं। एक बार नारद मुनि ने क्रोधित होकर अपने आराध्य भगवान विष्णु को श्राप दे दिया था। आगे जानिए कब और क्यों हुई ये घटना…

देवर्षि नारद को क्यों आया क्रोध, क्यं दिया भगवान विष्णु को श्राप?

- पुराणों के अनुसार, देवर्षि नारद भगवान विष्णु के परम भक्त हैं। इस बात पर उन्हें बहुत गर्व हो गया। उनके अंहकार को थोड़ने के लिए भगवान विष्णु ने एक लीला रची। उन्होंने एक सुंदर नगर बसाया और वहां एक सुंदर राजकुमारी के स्वयंवर रचाया।
- जब जब देवर्षि नारद उस स्वयंवर में पहुंचे तो राजकुमारी की सुंदरता देखकर उस पर मोहित हो गए। नारद मुनि भगवान विष्णु के रूप में स्वयंवर में पहुंचे, लेकिन भगवान विष्णु की माया से उनका मुख बंदर जैसा हो गया। ये देखकर वहां उपस्थित लोग उनका मजाक उड़ाने लगे।
- राजकुमारी भी बंदर रूपी नारदजी को देखकर बहुत क्रोधित हुई। तभी वहां भगवान विष्णु राजा के रूप में आए। राजकुमारी ने उनके गले में वरमाला डाली और वे दोनों वहां से चले गए। जब नारदजी को पता चला कि ये सब विष्णुजी की माया थी तो उन्हें बहुत क्रोध आया।
- क्रोधित होकर नारद मुनि ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि ‘जिस तरह आज मैं स्त्री के लिए परेशान हो रहा हूं, उसी तरह आपको भी मनुष्य जन्म लेकर स्त्री वियोग सहना पड़ेगा।’
- बाद में जब नारद मुनि को अपनी गलती का अहसास हुआ कि पता चला है कि भगवान विष्णु ने ये लीला उनका अंहकार दूर करने के लिए रची थी तो उन्हें बहुत दुख हुआ। बाद में उन्होंने अपने श्राप के लिए भगवान विष्णु से क्षमा भी मांगी।
- अपने भक्त के दिए श्राप को भी भगवान विष्णु ने स्वीकार किया और श्रीराम अवतार लेकर अपनी पत्नी सीता के वियोग को सहा। इस तरह उन्होंने नारद मुनि के श्राप को सिद्ध किया।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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