
राखी हिंदुओं के पवित्र त्योहारों में से एक आती है। ये त्योहार भाई-बहन के खूबसूरत रिश्ते की मजबूती को दर्शाता है। इस दिन बहने अपने भाइयों को राखी बांधती है और भाई अपनी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि माता लक्ष्मी ने किसे और कब सबसे पहले राखी बांधी थी? नहीं तो हम आपको बताते हैं। पौराणिक कथाओं के मुताबिक माता लक्ष्मी ने सबसे पहले राजा बलि को राखी बांधी थी। ऐसा करके उन्होंने अपने पति और भगवान विष्णु को पाताल लोक से मुक्त करवाया था।
दरअसल इसकी शुरुआत पौराणिक कथाओं के मुताबिक उस वक्त से हुई जब राज बलि ने अपने 100 यज्ञ पूरे कर लिए थे। उन्होंने स्वर्ग पर आधिपत्य करने की कोशिश की। इस चीज से भगवान इंद्र घबरा गए। उन्होंने अपनी रक्षा के लिए भगवान विष्णु के पास जाना उचित समझा। उस वक्त भगवान विष्णु ने वामन का अवतार लिया और राजा बलि के पास जा पहुंचे। राजा बलि से उन्होंने तीन पग जमीन मांग ली। राजा बलि ने उन्हें जमीन देने का वचन दिया। तभी भगवान विष्णु ने दो पग में ही पूरी पृथ्वी नाप दी। उस वक्त राज बलि को ये एहसास हुआ कि ये कोई साधारण व्यक्ति नहीं है। उन्होंने अपना सिर झुका लिया। भगवान विष्णु ये देखकर प्रसन्न हो गए और उन्होंने राज बलि से वरदान मांगने के लिए कहा। उस वक्त राज बलि ने भगवान विष्णु को पाताल लोक में रहने के लिए कहा।
राजा बलि को ऐसे बांधी मां लक्ष्मी ने राखी
दूसरी तरफ माता लक्ष्मी भगवान विष्णु का इंतजार करती रही, लेकिन वो नहीं आए। इस बीच नारद जी ने माता लक्ष्मी को सारी बात बताई। जब माता लक्ष्मी ने नारद जी से इसका उपाय पूछा तो उन्होंने कहा कि आप राज बलि को अपना भाई बना लो और उनसे रक्षा का वचन लो। माता लक्ष्मी रोती हुई राजा बलि के पास पहुंची और कहा कि उनका कोई भाई नहीं है। इस पर राजा बलि ने माता लक्ष्मी को अपनी मुंहबोली बहन बना लिया। माता ने राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधा और दक्षिणा के तौर पर भगवान विष्णु को मांग लिया।