23 जनवरी की शाम आसमान में ये 3 ग्रह होंगे एक साथ, नंगी आंखों से देख सकेंगे ये अद्भुत नजारा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 23 जनवरी, सोमवार को कुंभ राशि में शुक्र-शनि और चंद्रमा की युति बनेगी। ये नजारा आसमान में भी नंगी आंखों से देखा जा सकेगा। ऐसा संयोग बहुत कम देखने में आता है। ये एक दुर्लभ घटना होगी।

 

उज्जैन. ज्योतिष और खगोल शास्त्र एक-दूसरे के पूरक हैं। इन दोनों शास्त्रों में ग्रहों से संबंधित जानकारियां मिलती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 17 जनवरी को शनि ग्रह मकर से निकलकर कुंभ में आया है। 22 जनवरी को शुक्र ने भी इसी राशि में प्रवेश किया है और 23 जनवरी को चंद्रमा भी कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। इस तरह कुंभ राशि में त्रिग्रही योग बन रहा है। यही स्थिति 23 जनवरी, सोमवार की शाम आसमान में देखी जा सकेगी यानी बिना किसी टेलीस्कोप के भी ये तीनो ग्रह आसमान में नंगी आंखों से दिखाई देंगे।


कैसा दिखेगा ये दुर्लभ संयोग?
श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार, 23 जनवरी, सोमवार को सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में चंद्रमा, शुक्र एवं शनि ग्रह एक साथ दिखाई देंगे, जिसे ज्योतिष की भाषा में चंद्रमा, शुक्र और शनि की त्रिग्रह युति कहते हैं। इस समय ये तीनों ग्रह एक-दूसरे के बहुत नजदीक रहेंगे। सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में हाशिए के आकार का चंद्रमा दिखाई देगा। चंद्रमा के ठीक नीचे दक्षिण की ओर लट्टू के जैसा चमकता हुआ शुक्र दिखाई देगा। वहीं शुक्र ग्रह के नीचे शनि ग्रह को आप देख सकेंगे।

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सिर्फ इतनी देर दिखेगा ये नजारा
ज्योतिषाचार्य डॉ. तिवारी के अनुसार, आसमान में शुक्र, शनि और चंद्रमा की युति शाम लगभग 6.30 के बाद दिखाई देना शुभ होगा जो 8 बजे तक दिखेगी। इसके बाद चंद्रमा अस्त हो जाएगा। यानी ये अद्भुत नजारा सिर्फ 1.30 घंटे के लिए ही दिखाई देगा। इसे देखने के लिए किसी टेलीस्कोप की जरूरत नहीं होगी, इसे आप अपने घर की छत से नंगी आंखों से भी देख सकेंगे। खगोलीय दृष्टि से यह घटना काफी रोमांचक होगा।


ऐसी रहेगी ग्रहों की स्थिति
ज्योतिषाचार्य डॉ. तिवारी के अनुसार, 23 जनवरी, सोमवार को चंद्रमा कुंभ राशि में 27 अंश और 2 कला पर रहेंगे, एवं उनकी क्रांति 16 अंश और 59 कला दक्षिण होगी। शुक्र ग्रह कुंभ राशि में 25 अंश 13 कला पर होगा एवं उसकी क्रांति 14 अंश 29 कला दक्षिण होगी। शनि ग्रह भी कुंभ राशि में 24 अंश 50 कला पर होगा एवं उसकी क्रांति भी 14 अंश 25 कला दक्षिण की होगी। इस तरह हम समझ पा रहे हैं कि चंद्रमा के साथ शुक्र एवं शनि ग्रह एक ही राशि में अत्यंत आसपास हैं।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

 

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