Sawan 2025: महादेव का ये मंत्र पूरी कर सकता है हर मनोकामना, कोई मुश्किल नहीं आएगी पास

Published : Jul 25, 2025, 10:39 AM ISTUpdated : Jul 25, 2025, 10:44 AM IST
people born on these 4 dates have blessings on mahadev

सार

Sawan Special: महादेव का सबसे प्रिय सावन का महीना चल रहा है। सभी भक्त महादेव को शिव करने में जुटे हुए हैं, लेकिन कथावचक प्रदीप मिश्रा ने एक ऐसा मंत्र बताया है, जिसके चलते आपके घर से रोग खत्म हो सकता है, खुशियां आ सकती हैं।

Bhagwan Shiv Mantra: सावन का पवित्र महीना चल रहा है, जो महादेव को सबसे प्रिय है। ये वो महीना है जब महादेव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था। माता पार्वती की कठोर तपस्या देखकर महादेव काफी प्रसन्न हुए थे। इसी तरह सावन के महीने में भक्त महादेव की पूजा-अर्चना करते हुए दिखाई देते हैं, ताकि उन्हें भी महादेव का आशीर्वाद मिल सके। महादेव के मंदिर जाकर पूजा करते हैं, कई मंत्रों का जाप करते हैं। क्या आपको पता है कि एक मंत्र ऐसा है, जिसे कहने से महादेव आपकी सारी इच्छाएं पूरी कर सकते हैं। साथ ही उस मंत्र के जाप से सारे रोग-कष्ट भी दूर हो सकते हैं। ये बात हम नहीं बल्कि कथावचक प्रदीप मिश्रा कहते हुए दिखाई दिए हैं, जिसका जिक्र शिव महापुराण में भी किया गया है।

कथावचक प्रदीप मिश्रा ने कहा, 'शिव महापुराण की विदेश्वर संहिता में कहा गया है कि जो कोई भी श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करने वाले व्यक्ति के मुख का मात्र दर्शन कर लेते है, उसे अश्वमेघ यज्ञ का फल मिल जाता है। जीवन में कितना भी पाप किया हो वो समाप्त हो जाते है। सभी मनोकामना पूरी हो जाती है।' शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ है हे शिव, आपको नमस्कार है या मैं भगवान शिव को प्रणाम करता हूं। ऐसा कहा जाता है कि श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करता है उसे एक हजार महामृत्युंजय मंत्रों के जाप समान फल की प्राप्ति होगी है। इतना ही नहीं प्रदीप मिश्रा ने इस बात का भी जिक्र किया है कि अपने घर के दरवाजे पर यदि श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र लिखते हैं तो आपके सारे रोग कष्ट का निवारण हो जाता है। यहां देखिए कथावचक प्रदीप मिश्रा का वीडियो।

 

 

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं और ॐ नमः शिवाय में क्या है अंतर?

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं और ॐ नमः शिवाय दोनों मंत्र भगवान शिव से जुड़े हैं। ॐ नमः शिवाय एक पंचाक्षरी मंत्र हैं, जिसमें पृथ्वी, जल, वायु, आकाश और अग्नि शामिल हैं, जो कि शिव के पांच तत्व हैं। इसका इस्तेमाल साधना और तपस्या के लिए किया जाता है। वहीं, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का इस्तेमाल भगवान शिव को प्रणाम करने और आशीर्वाद लेने के लिए किया जाता है।

Disclaimer

"इस लेख में दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना के लिए है। एशियानेट हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।"

 

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