हिन्दू धर्म में मानता है कि हर गांव में शिवालय होना चाहिए। छोटा हो या बड़ा, बिना शिवालय के कोई गांव नहीं होता। अगर ऐसे कोई गांव होते थे तो उन्हें श्मशान समझा जाता था। इसलिए प्राचीन काल में राजा-महाराजा अपने राज्य में जगह-जगह शिवालयों का निर्माण करवाते थे। सातवाहन, चोल, पांड्य, विजयनगर के राजाओं ने अपने शासनकाल में अनेक मंदिरों का निर्माण करवाया। शिवलिंगों को कई तरह की धातुओं से बनाया जाता है। ज़्यादातर काले पत्थर से बनाये जाते हैं। उत्तर भारत में संगमरमर का भी उपयोग होता है। घरों में लोग अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार सोना, चांदी, तांबा, मिट्टी आदि से बने शिवलिंग स्थापित करके उनकी पूजा करते हैं।