मरने से पहले आते हैं आंसू, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

मौत एक भावुक क्षण होता है जो मरने वाले और उसके प्रियजनों दोनों के लिए कठिन होता है। मरते समय आंसू आना एक सामान्य प्रतिक्रिया है, लेकिन इसके पीछे कुछ गहरे कारण छिपे होते हैं।

Asianetnews Hindi Stories | Published : Sep 22, 2024 8:55 AM IST

जीवन के अंतिम पड़ाव का सामना एक न एक दिन हर किसी को करना ही पड़ता है। मौत एक बेहद ही भावुक क्षण होता है और यह सिर्फ़ मरने वाले के लिए ही नहीं बल्कि उसके साथ एक ख़ास रिश्ता निभाने वाले अपनों के लिए भी उतना ही तकलीफ़देह होता है। अक्सर देखा गया है कि जब कोई शख्स मौत के क़रीब होता है तो उसकी आँखों में आंसू आने लगते हैं। हालाँकि यह एक सामान्य और स्वाभाविक प्रतिक्रिया मानी जाती है लेकिन इसके पीछे कुछ गहरे और बड़े कारण भी छुपे होते हैं। क्या हैं वो कारण, आइये जानते हैं इस लेख में।


भावनात्मक दबाव
मौत के करीब, एक व्यक्ति कई तरह की भावनाओं से गुजरता है - डर, उदासी, निराशा और कभी-कभी सुकून भी। ये सभी भावनाएँ मिलकर एक तीव्र मानसिक दबाव पैदा करती हैं। यही दबाव आँसुओं के रूप में बाहर निकलता है। जैसे-जैसे मौत करीब आती है, व्यक्ति अपने जीवन के अनुभवों, रिश्तों और उन चीजों के बारे में सोचता है जो वो पीछे छोड़ रहा है। ये सभी यादें आँसुओं के माध्यम से बाहर आती हैं. 

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शरीर में बदलाव

मृत्यु के निकट आते ही शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। हार्मोन के स्तर में बदलाव, मस्तिष्क में रसायनों का असंतुलन और शरीर की मांसपेशियों में तनाव जैसी कई शारीरिक प्रतिक्रियाएँ होती हैं। ये शारीरिक बदलाव मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करते हैं। जब शरीर तनाव में होता है, तो वह आँसूओं का उत्पादन करता है। यह एक तरह की प्राकृतिक प्रतिक्रिया है जो दर्द और तनाव को कम करने में मदद करती है।

 

जीवन भर की यादें

कहा जाता है कि मृत्यु के समय व्यक्ति के सामने उसका पूरा जीवन एक फिल्म की तरह घूम जाता है। व्यक्ति अपने जीवन के महत्वपूर्ण रिश्तों और यादों के बारे में सोचता है। अपनों से बिछड़ने का ख़याल व्यक्ति में और भी गहरी भावनाएँ पैदा करता है। यह भले ही स्वाभाविक हो लेकिन यह उसे याद दिलाता है कि उसने अपने जीवन में कितना प्यार और स्नेह अनुभव किया है। माना जाता है कि यह आँसुओं के रूप में प्रकट होता है और अपने साथ जीवन बिताने वालों को श्रद्धांजलि देता है।

पीड़ा और दुःख

ज़्यादातर मामलों में, जब कोई व्यक्ति मृत्यु के करीब होता है, तो वह उदासी, पछतावे और दुःख से घिरा होता है। यह स्थिति अक्सर व्यक्ति को भावनात्मक रूप से कमजोर बना देती है। इससे वह आसानी से रो पड़ता है। ये आँसू केवल दुःख का ही प्रतीक नहीं हैं बल्कि एक तरह से भावनाओं को व्यक्त करने का तरीका भी हैं। यह दर्शाता है कि व्यक्ति अपने भीतर चल रही भावनाओं को व्यक्त करने की कोशिश कर रहा है।

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