
Dayan Devi Mandir Chhattisgarh: हमारे देश में देवी-देवताओं के साथ पशु-पक्षियों के मंदिर भी हैं। इतना ही नहीं कुछ जगहों पर तो भूत-प्रेत को भी पूजा जाता और इनके मंदिर भी बनाए गए हैं। ऐसा ही एक मंदिर छत्तीसगढ़ में भी है। ये मंदिर किसी देवी-देवता का नहीं डायन देवी का है। यहां के लोग स्थानीय भाषा में इस परेतिन (प्रेतिन) दाई मंदिर कहते हैं। इस मंदिर से अनेक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं जो इसे और भी खास बनाती हैं। आगे जानिए इस मंदिर से जुड़ी रोचक बातें…
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में गुंडरदेही विकासखंड के ग्राम झींका में सड़क किनारे स्थित है डायन देवी का मंदिर। लोग इसे परेतिन (प्रेतिन) दाई मंदिर भी कहते हैं। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि ये मंदिर लगभग 200 साल पुराना है। किसी समय यहां सिर्फ डायन देवी की प्रतिमा ही स्थापित थी, बाद में जनसहयोग से लोगों ने मिलकर यहां एक छोटा सा मंदिर बना दिया। दूर-दूर से लोग यहां डायन देवी के दर्शन करने आते हैं। नवरात्रि में यहां विशेष पूजा की जाती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां जो भी मालवाहक वाहन गुजरता है वो पहले डायन देवी को कुछ न कुछ भेंट जरूर चढ़ाता है इसके बाद ही आगे बढ़ता है और अगर कोई व्यक्ति ऐसा न करे तो उसके साथ कोई घटना-दुर्घटना होने का भय रहता है। इसलिए जिन लोगों को इस मान्यता के बारे में पता है यहां से गुजरते समय डायन देवी को कुछ न कुछ भेंट जरूर चढ़ाते हैं। अगर किसी व्यक्ति को इस मान्यता की जानकारी न हो तो देवी उसे माफ कर देती हैं।
स्थानीय लोगों का यह भी दावा है कि जो भी व्यक्ति इस मंदिर में डायन देवी से जो भी मन्नत मांगी जाती है वो जरूर पूरी होती है। यही कारण है कि नवरात्रि में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। जिन लोगों की मन्नत पूरी हो जाती है वे यहां आकर अपनी इच्छा अनुसार देवी को भोग, श्रृंगार की सामग्री आदि चीजें चढ़ाते हैं। समय-समय पर यहां अन्य आयोजन भी स्थानीय लोगों द्वार किए जाते हैं।
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