
Utpanna Ekadashi 2025 Upay: आज से अगहन मास शुरू हो गया है। इसी महीने में उत्पन्ना एकादशी आती है। उत्पन्ना एकादशी का व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है। उत्पन्ना एकादशी अगहन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है। इस दिन मूर नामक राक्षस का वध करने वाली एकादशी माता की जन्म तिथि भी मानी जाती है। उत्पन्ना एकादशी पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा और व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
उत्पन्ना एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत के साथ-साथ तुलसी माता की पूजा का भी विशेष महत्व है। तुलसी माता को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। इसलिए, हिंदू धर्मग्रंथों में उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी से संबंधित कुछ विशेष अनुष्ठानों का विधान बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि इन अनुष्ठानों को करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। तो आइए उत्पन्ना एकादशी पर तुलसी से संबंधित विशेष अनुष्ठानों के बारे में जानें।
मार्गशीर्ष मास की एकादशी तिथि शनिवार, 15 नवंबर को प्रातः 12:49 बजे प्रारंभ हो रही है। यह तिथि रविवार, 16 नवंबर को प्रातः 2:37 बजे समाप्त होगी। अतः उदयातिथि के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी व्रत शनिवार, 15 नवंबर को रखा जाएगा।
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