
Famous Ganesh Mantra: भगवान श्रीगणेश को प्रथम पूज्य कहा जाता है यानी किसी भी शुभ कार्य से पहले इनकी पूजा जरूर की जाती है। ऐसा करने से उस काम में निश्चति रूप से सफलता मिलती है। श्रीगणेश की पूजा के बाद एक विशेष मंत्र बोला जाता है, जिसमें उनसे सभी कामों में सिद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है। ये मंत्र है ‘विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।’ धर्म ग्रंथों में भी इस मंत्र का विशेष महत्व बताया गया है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा से जानिए इस मंत्र का महत्व और फायदे…
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विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
भावार्थ: विघ्नेश्वर (कष्टों को दूर करने वाले), वर देने वाले, देवताओं को प्रिय, लंबी सूंड वाले, कलाओंसे परिपूर्ण, जगत् का हित करने वाले, गज के समान मुख वाले और वेद व यज्ञ से विभूषित पार्वतीपुत्र को नमस्कार है, हे गणनाथ। आपको नमस्कार है।
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इस मंत्र का महत्व गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित गणेश अंक में बताया गया है। इस मंत्र में भगवान श्रीगणेश के रूप और गुणों की महिमा का वर्णन किया गया है। श्रीगणेश की पूजा के बाद इस मंत्र को बोलने से उस पूजा का पूरा फल मिलता है और जीवन में सुख-शांति व समृद्धि बनी रहती है। इस मंत्र से मां पार्वती सहित भगवान गणेश की कृपा भी हमें प्राप्त होती है।
1. इस मंत्र को बोलने से हमें सभी काम में सफलता मिलती है। चाहे वो काम बिजनेस, नौकरी या न्यायालय से जुड़ा हो।
2. श्रीगणेश की प्रतिमा या चित्र के सामने इस मंत्र का पाठ करने से बल, बुद्धि, आयु, और अच्छी सेहत मिती है।
3. इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला या लाल चंदन की माला से करना शुभ होता है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।