
Vinayak Chaturthi September 2025 Par Kab Niklega Chandrma: हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी का व्रत किया जाता है, इसे वरद चतुर्थी व्रत भी कहते हैं। इस व्रत में भगवान श्रीगणेश के साथ-साथ चंद्रमा की पूजा भी की जाती है। इसलिए इस दिन महिलाओं को चंद्रमा के उदय होने का इंतजार रहता है। इस बार वरद चतुर्थी पर चंद्रोदय का समय क्या है, आगे जानिए…
ये भी पढ़ें-
Karwa Chauth 2025: इस साल 14 घंटे का रहेगा निर्जला व्रत, जानिए कब होगा चंद्रोदय
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 25 सितंबर, गुरुवार को विनायक चतुर्थी पर चंद्रमा रात को लगभग 8 बजकर 50 मिनिट पर उदय होगा। अलग-अलग शहरों में चंद्रोदय के समय में थोड़ा परिवर्तन रहेगा। आसमान साफ रहा तो उदय काल के कुछ देर बाद पूरे देश में चंद्रमा दिखाई देगा।
ये भी पढ़ें-
Kanya Pujan 2025: कन्या पूजन क्यों करते हैं, कैसे करें? उज्जैन के ज्योतिषाचार्य से जानें नियम
विनायक चतुर्थी पर पहले भगवान श्रीगणेश की विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद जब चंद्रमा उदय हो जाए तो शुद्ध जल से अर्ध्य दें। इसके बाद फूल, चावल और कुमकुम आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाएं। हाथ जोड़कर चंद्रमा से व्रत का पूरा फल देने के लिए प्रार्थना करें। परिवार के बुजुर्गों का आशीर्वाद भी जरूर लें। सबसे पहले प्रसाद खाएं और फिर भोजन करें।
कईं बार बादल होने के कारण चतुर्थी तिथि पर चंद्रमा दिखाई नहीं देता। अगर ऐसी परिस्थिति बन जाए तो चंद्रोदय के समय को ध्यान में रखते हुए कुछ देर तक इंतजार करें। अगर फिर भी चंद्रमा दिखाई न दे तो चंद्रोदय की दिशा की ओर खड़े होकर भी पूजा करें। ऐसा करने से भी आपको व्रत का पूरा फल मिलेगा।
ज्योतिष शास्त्र में जो 9 ग्रह बताए गए हैं, चंद्रमा भी इनमें से एक है। नवग्रहों में चंद्रमा की गति सबसे अधिक मानी गई है। कहते हैं कि चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि बदलता है। इसलिए ये ग्रह लगभग 28 से 29 दिन में एक राशि चक्र पूरा कर लेता है। चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। मन में तेजी से बदलते विचारों का कारण चंद्रमा ही है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।