
2026 Marriage Muhurat Dates: वर्ष 2026 की शुरुआत खरमास से हो रही है। खरमास के दौरान सगाई, विवाह, जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश या कोई नया कार्य आरंभ जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। खरमास 15 जनवरी 2026 को मकर संक्रांति के साथ समाप्त होगा, लेकिन शुक्र अस्त होने के कारण खरमास समाप्त होने के बाद भी विवाह वर्जित रहेंगे। 9 दिसंबर 2025 को अस्त होने वाला शुक्र 3 फरवरी 2026 तक अस्त रहेगा। इसके बाद 4 फरवरी 2026 से विवाह पुनः प्रारंभ होंगे। इसके बाद फरवरी के अंत से 4 मार्च तक होलाष्टक काल के कारण विवाहों पर फिर से रोक लग जाएगी।
14 मार्च 2026 को सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करते ही खरमास पुनः प्रारंभ हो जाएगा। खरमास 13 अप्रैल 2026 तक रहेगा। इस दौरान विवाह नहीं हो सकेंगे। इसके बाद, विवाह का मौसम पुनः शुरू हो जाएगा, जो चातुर्मास के प्रारंभ तक जारी रहेगा।
चातुर्मास देवशयनी एकादशी से प्रारंभ होकर देवउठनी एकादशी पर समाप्त होता है। देवउठनी एकादशी के अगले दिन तुलसी विवाह किया जाता है और इसके साथ ही शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। 2026 में, देवशयनी एकादशी 25 जुलाई, 2026 को और देवउठनी एकादशी 20 नवंबर, 2026 को पड़ेगी। इसलिए, 25 जुलाई से 20 नवंबर, 2026 के बीच कोई भी शुभ कार्य नहीं होंगे।
14 जनवरी, बुधवार
23 जनवरी, शुक्रवार
25 जनवरी, रविवार
28 जनवरी, बुधवार
3 फरवरी, मंगलवार
6 फरवरी, शुक्रवार
9 फरवरी, सोमवार
12 फरवरी, गुरुवार
19 फरवरी, गुरुवार
20 फरवरी, शुक्रवार
26 फरवरी, गुरुवार
5 मार्च, गुरुवार
6 मार्च, शुक्रवार
8 मार्च, रविवार
20 अप्रैल, सोमवार
21 अप्रैल, मंगलवार
अप्रैल 27, सोमवार
29 अप्रैल, बुधवार
6 मई, बुधवार
13 मई, बुधवार
23 मई, शनिवार
25 मई, सोमवार
26 मई, मंगलवार
28 मई, गुरुवार
29 मई, शुक्रवार
1 जून, सोमवार
2 जून, मंगलवार
4 जून, गुरुवार
5 जून, शुक्रवार
11 जून, गुरुवार
19 जून, शुक्रवार
21 जून, रविवार
28 जून, रविवार
7 जुलाई, मंगलवार
16 जुलाई, गुरुवार
20 नवंबर, शुक्रवार
25 नवंबर, बुधवार
26 नवंबर, गुरुवार
3 दिसंबर, गुरुवार
4 दिसंबर, शुक्रवार
Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।