
Ashadh Gupt Navratri 2025 Ashtami-Navmi Date: धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक साल में 4 नवरात्रि होती है, इनमें से 2 प्रकट और 2 गुप्त नवरात्रि होती है। इनमें से एक गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास में मनाई जाती है। इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 26 जून से शुरू हो चुकी है। इस नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि बहुत विशेष मानी गई है। इन दिनों में किए गए उपाय बहुत जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं। आगे जानिए कब है आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि…
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार आषाढ़ मास गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि 3 जुलाई, गुरुवार को है और नवमी तिथि 4 जुलाई, शुक्रवार को। ये दोनों ही तिथियां पूजा, मंत्र जाप, तंत्र-मंत्र और उपाय के लिए बहुत ही खास मानी गई हैं। इन 2 दिनों में प्रमुख देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। भक्त इन दिनों में कन्या पूजन भी करते हैं।
1. गुप्त नवरात्रि की अष्टमी-नवमी तिथि पर देवी के मंत्रों का जाप बहुत ही खास उपाय है। इस उपाय से आपकी सभी मनोकामना पूरी हो सकती है। ये हैं कुछ आसान देवी मंत्र-
- सर्व मंगल मांगल्ये: सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते
- ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
- ऐं श्रीं शक्तयै नम:
2. अष्टमी और नवमी ये दोनों तिथि कन्या पूजन के लिए बहुत श्रेष्ठ मानी गई है। इन तिथियों पर अपने घर में 9 कन्याओं को बुलाकर भोजन करवाएं और उन्हें कोई न कोई उपहार भी जरूर दें।
3. ये तिथियां दान के लिए भी बहुत शुभ मानी गई हैं। इसलिए 3 और 4 जुलाई को अपनी इच्छा अनुसार चीजें जरूरतमंदों को दान करें जैसे-अनाज, भोजन, कपड़े, बर्तन आदि।
4. संभव हो तो किसी योग्य विद्वान पंडित से इन दोनों में से किसी भी दिन अपने घर पर हवन करवाएं या दुर्गा सप्तशती का पाठ करवाएं। इन उपायों से आपके घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहेगी।
5. गुप्त नवरात्रि की अष्टमी या नवमी तिथि पर देवी को सुहाग की सामग्री भेंट करें जिसमें लाल चुनरी, चूड़ी, मेहंदी आदि चीजें होनी चाहिए। बाद में ये चीजें किसी गरीब महिला को दान कर दें।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।