Benefits of ear piercing: कान छिदवाना आजकल एक फैशन बन गया है। लेकिन इसके पीछे एक गहरी मान्यता भी छिपी है। पुरुषों के लिए कान छिदवाने के क्या फायदे और नुकसान हैं? आइए जानते हैं।
Benefits of ear piercing: आजकल लगभग सभी सेलिब्रिटीज के कानों में बाली दिख जाती है। रणवीर सिंह, विक्की कौशल, आमिर खान से लेकर अभिषेक बच्चन तक, सभी के कानों में बाली है। टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली भी बाली पहनते हैं। कान छिदवाकर सुंदर बालियां पहनना सिर्फ फैशन नहीं है। यह भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा है। ज्योतिष के अनुसार, यह हमें नकारात्मक ग्रहों से बचाता है और सेहत व पैसों में बरकत लाता है। यह हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक है, जिसे कर्णवेध संस्कार कहते हैं। बच्चे के जन्म के छठे महीने में यह रस्म होती है। भारतीय संस्कृति में लड़के दायां कान और लड़कियां दोनों कान छिदवाती हैं।
ज्योतिष में कान छिदवाने का सीधा संबंध राहु और केतु से माना जाता है। ये दोनों छाया ग्रह हैं, जो मानसिक तनाव, पैसों की तंगी और गलत फैसलों की वजह बन सकते हैं। कान छिदवाने से ये शांत होते हैं।
माना जाता है कि कान छिदवाने से किस्मत के दरवाजे खुल जाते हैं। पैसों की तंगी दूर होती है और धन लाभ के रास्ते बनते हैं। जिनकी कुंडली में राहु-केतु कमजोर हों, उनके लिए यह बहुत फायदेमंद है।
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कान छिदवाने से तेज होती है याददाश्त
कान छिदवाने के पीछे सिर्फ धार्मिक ही नहीं, वैज्ञानिक कारण भी हैं। विज्ञान के अनुसार, कान के कुछ हिस्से शरीर के एनर्जी पॉइंट से जुड़े होते हैं। इन्हें छिदवाने से तनाव कम होता है और याददाश्त तेज होती है।
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किस धातु की बाली पहनें?
सिर्फ कान छिदवाना ही काफी नहीं है, सही धातु की बाली पहनना भी जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार, पुरुषों को सिर्फ सोने या चांदी की बाली ही पहननी चाहिए। लड़कों को दोनों के बजाय सिर्फ दायां कान छिदवाना चाहिए।
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कब छिदवाएं कान?
कुछ मान्यताओं के अनुसार, बायां कान छिदवाना अशुभ होता है। लोहे या निकल की बाली पहनने से शनि या राहु का बुरा असर बढ़ सकता है। शनिवार और रविवार को कान छिदवाने से बचें।
Disclaimer इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।