विवाह पंचमी 1 दिसंबर को, इसी दिन हुआ था भगवान श्रीराम और देवी सीता का विवाह

धर्म ग्रंथों के अनुसार, अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान श्रीराम व सीता का विवाह हुआ था। इसीलिए इस दिन विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 1, 2019 3:57 AM IST

उज्जैन. इस बार ये पर्व 1 दिसंबर, रविवार को है। इस अवसर पर हम आपको बता रहे हैं श्रीरामचरित मानस के अनुसार, श्रीराम ने सीता को पहली कहां और कब देखा था तथा श्रीराम-सीता विवाह का संपूर्ण प्रसंग, जो इस प्रकार है-

यहां देखा था श्रीराम ने पहली बार सीता को
जब श्रीराम व लक्ष्मण ऋषि विश्वामित्र के साथ जनकपुरी पहुंचे तो राजा जनक सभी को आदरपूर्वक अपने साथ महल लेकर आए। अगले दिन सुबह जब श्रीराम और लक्ष्मण फूल लेने बगीचे में तो वहीं उन्होंने देवी सीता को देखा। अगले दिन राजा जनक के बुलावे पर ऋषि विश्वामित्र, श्रीराम और लक्ष्मण सीता स्वयंवर में गए।

Latest Videos

जब श्रीराम पहुंचे सीता स्वयंवर में
जब श्रीराम सीता स्वयंवर में पहुंचे तो जो राक्षस राजा का वेष बनाकर वहां आए थे, उन्हें श्रीराम के रूप में अपना काल नजर आने लगा। इसके बाद शर्त के अनुसार वहां उपस्थित सभी राजाओं ने शिव धनुष उठाने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए।

जब श्रीराम ने तोड़ा शिव धनुष
अंत में श्रीराम शिव धनुष को उठाने गए। श्रीराम ने बड़ी फुर्ती से धनुष को उठा लिया और प्रत्यंचा बांधते समय वह टूट गया। सीता ने वरमाला श्रीराम के गले में डाल दी। उसी समय वहां परशुराम आ गए। उन्होंने जब शिवजी का धनुष टूटा देखा तो वे बहुत क्रोधित हो गए और राजा जनक ने पूछा कि ये किसने किया है? मगर भय के कारण राजा जनक कुछ बोल नहीं पाए।

ऐसे दूर हुआ परशुराम के मन का संदेह
परशुराम ने जब श्रीराम के रूप में भगवान विष्णु की छवि देखी तो उन्होंने अपना विष्णु धनुष श्रीराम को देकर उसे खींचने के लिए कहा। तभी परशुराम ने देखा कि वह धनुष स्वयं श्रीराम के हाथों में चला गया। यह देख कर उनके मन का संदेह दूर हो गया और वे तप के लिए वन में चले गए।

ब्रह्माजी ने लिखी थी विवाह की लग्न पत्रिका
सूचना मिलते ही राजा दशरथ भरत, शत्रुघ्न व अपने मंत्रियों के साथ जनकपुरी आ गए। ग्रह, तिथि, नक्षत्र योग आदि देखकर ब्रह्माजी ने उस पर विचार किया और वह लग्न पत्रिका नारदजी के हाथों राजा जनक को पहुंचाई। शुभ मुहूर्त में श्रीराम की बारात आ गई। श्रीराम व सीता का विवाह संपन्न होने पर राजा जनक और दशरथ बहुत प्रसन्न हुए।
 

Share this article
click me!

Latest Videos

कौन है संजय शिदें? बदलापुर कांड के आरोपी को दी मौत, दाऊद के भाई को किया था अरेस्ट । Badlapur
सिर्फ एक क्लिक आपको पहुंचा सकता है जेल, आपके फोन में भी तो नहीं हैं ऐसे वीडियो । Child Pornography
Navratri 2024 : ये हैं मां दुर्गा के 108 नाम, नवरात्रि में 9 दिन करें इनका जाप
Pitra Paksha में महिलाओं को नहीं करने चाहिए 6 काम
आखिर क्यों 32 दिन में दोबारा जेलेंस्की से मिले PM Modi, सामने आया बड़ा प्लान