Amla navami 2022: इस बार आंवला नवमी का पर्व 2 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा। इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं। इस दन आंवला वृक्ष की पूजा विशेष रूप से की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा हम पर बनी रहती है।
उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी (Amla navami 2022) का पर्व मनाया जाता है। इसे अक्षय नवमी (Akshay Navami 2022) भी कहते हैं। इस बार ये तिथि 2 नवंबर, बुधवार को है। इस पर्व से कई मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं। पुराणों में भी आंवला वृक्ष का धार्मिक महत्व माना गया है। आंवला नवमी पर इस वृक्ष की पूजा से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आगे जानिए इस पर्व का महत्व, पूजा विधि व अन्य खास बातें…
इन शुभ योगों में मनाया जाएगा आंवला नवमी पर्व (Amla navami 2022 Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 1 नवंबर, मंगलवार की रात 11:04 से 02 नवंबर की रात 09:10 तक रहेगी। चूंकि नवमी तिथि का सूर्योदय 2 नवंबर को होगा, इसलिए इसी दिन ये पर्व मनाया जाएगा। इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र होने से मित्र और शतभिषा नक्षत्र होने से मानस नाम के 2 शुभ योग रहेंगे। इनके अलावा वृद्धि योग भी इस दिन बनेगा।
इस विधि से करें आंवला नवमी की पूजा (Amla navami Puja Vidhi)
- नवमी तिथि की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें और साफ कपड़े पहनकर आंवला वृक्ष की पूजा करें। सबसे पहले वृक्ष की परिक्रमा करें और इसके बदा हल्दी, कुमकुम, फल-फूल आदि चीजें चढ़ाएं।
- आंवला वृक्ष की जड़ में जल और दूध मिलाकर अर्पित करें। आंवले के पेड़ के तने में कच्चा सूत या मौली लपेटते हुए आठ बार परिक्रमा करें। इस तरह पूजा करने के बाद व्रत की कथा पढ़े या सुनें।
- संभव हो तो परिवार के सभी सदस्य इस दिन आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर ही भोजन करें। इस दिन ब्राह्मण महिला को सुहाग का समान, खाने की वस्तुएं और पैसे दान में देना शुभ माना जाता है।
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