Champa Shashti 2022: चंपा षष्ठी 29 नवंबर को, करें शिवजी और कार्तिकेय की पूजा, लगाएं खास चीज का भोग

Champa Shashti 2022: हर महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई व्रत-उपवास किए जाते हैं, चंपा षष्ठी भी इनमें से एक है। इस बार ये पर्व 29 नवंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन शिव पुत्र कार्तिकेय की पूजा का भी विधान है।
 

Manish Meharele | / Updated: Nov 29 2022, 05:45 AM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, अगहन यानी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चंपा षष्ठी (Champa Shashti 2022) का पर्व मनाया जाता है। इसे स्कंद षष्ठी भी कहते हैं। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा का भी विधान है। इस बार ये तिथि 29 नवंबर, मंगलवार को है। ये पर्व कर्नाटक और महाराष्ट्र आदि राज्यों में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। यहां भगवान शिव की पूजा खंडोबा के रूप में की जाती है जो किसानों के देवता हैं। आगे जानिए चंपा षष्ठी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व अन्य खास बातें…

चंपा षष्ठी पर बनेंगे ये शुभ योग? (Champa Shashti 2022 Shubh Yog)
पंचांग के अनुसार, अगहन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 29 नवंबर मंगलवार की सुबह 11.04 तक रहेगी। चूंकि सप्तमी तिथि का सूर्योदय 29 नवंबर को होगा, इसलिए इसी दिन चंपा षष्ठी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन द्विपुष्कर नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। इस शुभ योग में की गई पूजा, उपाय आदि का दो गुना फायदा मिलता है। इसके अलावा ध्रुव नाम का एक अन्य शुभ योग भी दिन भर रहेगा।

शिवजी को लगाते इन खास चीजों का भोग
चंपा षष्ठी पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें और शिवलिंग का पहले शुद्ध जल औरबाद में दूध से अभिषेक करें। गाय को दूध हो तो उत्तम रहता है। इसके बाद दीपक जलाएं, हार-फूल अर्पित करें। अबीर, गुलाल, आंकड़े के फूल, धतूरा, भांग आदि चढ़ाएं। चंपा षष्ठी पर शिवजी को देशी खांड, बैंगन और बाजरे का भोग विशेष रूप से लगाया जाता है। इसलिए इसे बैंगन छठ भी कहते हैं। 

चंपा के फूलों से करें कार्तिकेय की पूजा
चंपा षष्ठी को स्कंद षष्ठी भी कहते हैं। स्कंद शिवजी के पुत्र कार्तिकेय का ही एक नाम है। इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा भी विशेष रूप से की जाती है। कार्तिकेय को घी, दही और जल से अर्घ्य दें और चंपा के फूल विशेष रूप से चढ़ाएं। जो भी ये व्रत करता है, उसे रात को जमीन पर सोना अनिवार्य है। इस व्रत में ब्रह्मचर्य का पालन भी करना पड़ता है।


ये भी पढ़ें-

शनि के नक्षत्र में बना 3 ग्रहों का संयोग, किन-किन राशियों को मिलेगा इसका शुभ फल?

Shani Meen Rashifal 2023: नुकसान-खराब सेहत, शनि की साढ़ेसाती 2023 में करेगी मीन वालों को परेशान, कैसा होगा असर?

Shani Kumbh Rashifal 2023: हताशा-निराशा और मुसीबतें, शनि की साढ़ेसाती में बीतेगा साल 2023?


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। 

Share this article
click me!