Pradosh Vrat August 2022: भाद्रपद का पहला बुध प्रदोष 24 अगस्त को, जानें तारीख, पूजा विधि, मुहूर्त और कथा

Published : Aug 21, 2022, 01:54 PM ISTUpdated : Aug 24, 2022, 08:08 AM IST
Pradosh Vrat August 2022: भाद्रपद का पहला बुध प्रदोष 24 अगस्त को, जानें तारीख, पूजा विधि, मुहूर्त और कथा

सार

Pradosh Vrat August 2022 Date: इस बार भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत 24 अगस्त, बुधवार को किया जाएगा। ये व्रत बुधवार को होने से ये बुध प्रदोष कहलाएगा। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस व्रत का विशेष महत्व है।  

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat August 2022) किया जाता है। इस व्रत में दिन भर निराहार (बिना कुछ खाए-पीए) रहकर भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। ये व्रत जिस वार को किया जाता है, उसी के अनुसार इसका नाम भी होता है, जैसे इस बार ये व्रत 24 अगस्त, बुधवार को किया जाएगा। इसलिए ये बुध प्रदोष कहलाएगा। धर्म ग्रंथों में इस व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। आगे जानिए इस व्रत के शुभ मुहूर्त पूजा विधि व अन्य खास बातें…

ये है बुध प्रदोष के शुभ योग और मुहूर्त (Budh Pradosh 2022 Shubh Muhurat) 
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी तिथि 24 अगस्त, बुधवार की सुबह 08.30 से शुरू होगी, जो 25 अगस्त की सुबह 10.37 तक रहेगी। चूंकि प्रदोष व्रत की पूजा शाम को की जाती है, इसलिए 24 अस्त को ही ये व्रत किया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06.52 से रात 09.04 तक रहेगा यानी पूरे 02 घंटे 18 मिनट तक।

इस विधि से करें व्रत-पूजा (Budh Pradosh Puja Vidhi 2022)
- 24 अगस्त यानी बुधवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद अपनी इच्छा के अनुसार व्रत और पूजा का संकल्प लें। यानी आपको निराहार व्रत करना है तो वैसा संकल्प लें और एक समय फलाहार करना है तो वैसा संकल्प लें। 
- इसके बाद भगवान शिव की पूजा विधि-विधान से करें। सबसे पहले दूध, दही, घी, शहद और शक्कर मिलाकर पंचामृत तैयार करें। पहले शुद्ध जल से इसके बाद पंचामृत से और एक बार पुन: शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
-  शिवजी को बिल्व पत्र, फूल, फल, धतूरा, आंकड़ा, भांग आदि चीजें चढ़ाएं। इसके बाद शिवजी को भोग लगाकर कर्पूर आरती करें। बुध प्रदोष पर इस विधि से पूजा करने से हर तरह की समस्ययाएं दूर हो सकती हैं।

ये है बुध प्रदोष की कथा (Pradosh Vrat August 2022 Katha)
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, एक युवक का नया-नया विवाह हुआ। विवाह के बाद उसकी पत्नी मायके चली गई। कुछ दिन बाद जब वह युवक पत्नी को लेने गया, उस दिन बुधवार था। घर वालों ने उसे समझाया कि पत्नी को ले जाने के लिए बुधवार ठीक नहीं रहता, लेकिन युवक नहीं माना। बीच रास्ते में जब पत्नी को प्यास लगी तो युवक पानी लेने चला गया। जब वह वापस लौटा था उसने देखा कि उसकी पत्नी किसी से बातें कर रही है। जब वह पास गया तो उसने देखा कि वो व्यक्ति बिल्कुल उसी की तरह दिखता था। दोनों को साथ में देख पत्नी भी आश्चर्य में पड़ गई। दोनों हमशक्लों में विवाद हो गया। तब युवक ने महादेव से प्रार्थना कि और बोला- मुझसे बड़ी भूल हुई कि मैं बुधवार को पत्नी को विदा करा लिया। मैं भविष्य में ऐसा कदापि नहीं करूंगा। हे महादेव मेरी सहायता करो। इसके तुरंत बाद दूसरा युवक गायब हो गया और दोनों पति-पत्नी खुशी-खुशी घर आ गए। 


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