Saphala Ekadashi 2022: कब करें सफला एकादशी व्रत? जानें सही डेट, पूजा विधि और महत्व

Saphala Ekadashi 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में कुल 12 महीने होते हैं। इनमें से दसवें महीने का नाम पौष है। धार्मिक दृष्टि से ये मास काफी विशेष है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं, सफला एकादशी भी इनमें से एक है।
 

Manish Meharele | Published : Dec 6, 2022 10:43 AM IST

उज्जैन. पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी (Saphala Ekadashi 2022) कहते हैं। इस एकादशी का महत्व कई ग्रंथों में बताया गया है। इस बार ये तिथि 19 दिसंबर, सोमवार को है। इस दिन छत्र और सुकर्मा नाम के 2 शुभ योग दिन भर रहेंगे, जिसके चलते इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस व्रत का महत्व स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था। इस विधि से करें ये व्रत…

इस विधि से करें सफला एकादशी व्रत...( Saphala Ekadashi 2022 Puja Vidhi)
19 दिसंबर, सोमवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें और किसी साफ स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिम या चित्र स्थापित करें। पहले भगवान को माला पहनाएं और दीपक जलाएं। इसके बदा फूल, फल, अबीर, गुलाल, रोली आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाते रहें। इसके बाद प्रसाद चढ़ाएं और उसमें तुलसी के पत्ते जरूर रखें। अंत में आरती करें और प्रसाद भक्तों में बांट दें। पूरे दिन निराहार रहें। ऐसा करने संभव न हो तो एक समय भोजन कर सकते हैं। रात्रि में जागरण करें और अगले दिन यानी द्वादशी तिथि (20 दिसंबर, मंगलवार) को ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद स्वयं भोजन करें। इस प्रकार सफला एकादशी का व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

ये है सफला एकादशी का महत्व... (Saphala Ekadashi Importance)
सफला एकादशी का महत्व स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को बताया है। उसके अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि- “बड़े-बड़े यज्ञों से भी मुझे उतना संतोष नहीं होता, जितना सफला एकादशी व्रत के अनुष्ठान से होता है।” इसलिए कहते हैं कि सफला एकादशी का व्रत सभी कामों में सफलता प्रदान करता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति मृत्यु के बाद विष्णु लोक को प्राप्त होता है। इसलिए इस व्रत को अति मंगलकारी और पुण्यदायी माना गया है। जो व्यक्ति ये व्रत करता है उसे उत्तम फल की प्राप्ति होती है।


ये भी पढ़ें-

किस देवी की पूजा करते हैं किन्नर, कहां है इनका मंदिर, क्या चढ़ाते हैं इन्हें?


Shukra Gochar December 2022: 5 दिसंबर को शुक्र बदलेगा राशि, 4 राशि वालों के होंगे वारे-न्यारे

Budh Gochar December 2022: बुध बदलेगा राशि, किसे रहना होगा सावधान, किसकी चमकेगी किस्मत?
 

Share this article
click me!