Tulsi Pujan Diwas 2022: 25 दिसंबर को इस विधि से करें तुलसी की पूजा, जानें मंत्र और आरती भी

Tulsi Pujan Diwas 2022: हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत ही पवित्र पौधा माना जाता है। मान्यता है कि घर में इस रखने और रोज पूजा करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है और किसी तरह की कोई परेशानी जीवन में नहीं आती। 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है।
 

उज्जैन. हिंदू धर्म में पेड़-पौधों की पूजा भी देवताओं का स्वरूप मानकर की जाती है। ऐसा ही एक पौधा है तुलसी का। तुलसी के बिना भगवान श्रीकृष्ण और विष्णु की पूजा पूरी नहीं मानी जाती। हर साल 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस (Tulsi Pujan Diwas 2022) मनाया जाता है। इस दिन तुलसी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। अगर पूजा न कर पाएं तो तुलसी के मंत्रों का जाप भी इस दिन कर सकते हैं। आगे जानिए तुलसी पूजा की विधि…


इस विधि से करें पूजा
- तुलसी पूजा दिवस यानी 25 दिसंबर को सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें और तुलसी के पौधे की पूजा करें।
- सबसे पहले तुलसी के पौधे पर हार-फूल चढ़ाएं। इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाएं और हाथ जोड़कर नमस्कार करें।
- एक-एक करके पूजन सामग्री जैसे अबीर, गुलाल, रोली आदि चढ़ाते रहें। इस प्रकार पूजा करने के बाद 7 परिक्रमा करें।
- सबसे अंत में भोग लगाएं और नीचे लिखे मंत्र का जाप कम से कम 11 बार करें-
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
यः पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
- मंत्र जाप के बाद तुलसी माता की आरती करें और घर की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें। इस प्रकार पूजा से आपकी हर कामना पूरी हो सकती है।

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तुलसी माता की आरती
जय जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर ।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या ।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित ।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में ।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी ।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता ॥
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता ॥ 
॥ जय तुलसी माता...॥


 

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