Raksha Panchami 2022: सुख-समृद्धि के लिए रक्षा पंचमी पर करें ये 5 उपाय, जानिए पूजा विधि भी

Raksha Panchami 2022: धर्म ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रक्षापंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 16 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस पर्व को शांति पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। 
 

Manish Meharele | Published : Aug 16, 2022 3:07 AM IST

उज्जैन. पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रक्षापंचमी (Raksha Panchami 2022) का पर्व मनाया जाता है। ये उत्सव पूरे भारत में नहीं बल्कि कुछ स्थानों पर ही मनाया जाता है, इसलिए आमजन इसके बारे में कमी ही जानते हैं। ये मुख्य तौर पर उड़ीसा व इसके आस-पास के क्षेत्रों में मनाया जाने वाला उत्सव है। इसे शांति पंचमी भी कहा जाता है। इस बार ये पर्व 16 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि जो बहनें रक्षाबंधन पर किसी कारण से भाइयों को राखी नहीं बांध पाई हों, वे रक्षापंचमी पर ये काम कर सकती हैं। आगे जानिए रक्षापंचमी से जुड़ी खास बातें…

ये है रक्षापंचमी की पूजा विधि (Raksha Panchami 2022 Puja Vidhi)
रक्षा पंचमी के की सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत व पूजा का संकल्प लें। इसके बाद सरसों के भगवान गणेश के हरिद्रा स्वरूप की पूजा करें। साथ ही इस दिन भगवान शिव के अवतार भैरवाथ की पूजा भी की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और शत्रुओं से छुटकारा मिल जाता है। साथ ही इस दिन गोगा पंचमी का पर्व भी मनाया जाता है। महिलाएं इस दिन नाग देवता की पूजा करती हैं। नाग मंदिरों में नागदेवता के लिए दूध, पानी आदि चीजें रखकर संतान की लंबी आयु की कामना करती हैं। इस दिन सूर्योदय रेवती नक्षत्र में होगा, जो दिन भर रहेगा।

ये उपाय करें (Raksha Panchami 2022 Upay)
1.
रक्षापंचमी पर पचंदेवताओं की पूजा करें। पंचदेवताओं में सूर्यदेव, भगवान विष्णु, महादेव, श्रीगणेश और देवी पार्वती का पूजन किया जाता है।
2. इस बार रक्षा पंचमी का पर्व मंगलवार को मनाया जाएगा। मंगलवार हनुमानजी का दिन है। इसलिए रक्षापंचमी पर हनुमानजी की पूजा विधि-विधान से करें और उन्हें रक्षासूत्र अर्पित करें।
3. इस दिन गोगा पंचमी का पर्व भी मनाया जाता है। जहां भी गोगादेव का मंदिर हो वहां दीपक लगाएं और घर की खुशहाली के लिए प्रार्थना करें।
4. समीप स्थिति किसी नाग मंदिर में पूजा करें और दूध, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
5. रक्षापंचमी पर भगवान कालभैरव और श्रीगणेश की पूजा भी विधि-विधान से करें।


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