विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप : अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने वाली अनु की भाला फेंक में आठवीं रैंक, अविनाश स्टीपलचेज फाइनल में

अनु हालांकि अगले तीन प्रयास में 60.40 मीटर, 58.49 मीटर और 57.93 मीटर की दूरी ही तय कर सकीं और 12 खिलाड़ियों के फाइनल में आठवें स्थान पर रहीं, जबकि अविनाश साब्ले ने नाटकीय हालात के बीच पुरुष 3000 मीटर स्टीपलचेज के फाइनल में जगह बनाई।

Asianet News Hindi | Published : Oct 2, 2019 8:05 AM IST / Updated: Oct 02 2019, 02:11 PM IST

दोहा (Doha). भारत की अनु रानी क्वालीफाइंग दौर की शानदार फार्म को फाइनल में दोहराने में नाकाम रहीं और मंगलवार को यहां विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की महिला भाला फेंक स्पर्धा में आठवें स्थान पर रहीं जबकि अविनाश साब्ले ने नाटकीय हालात के बीच पुरुष 3000 मीटर स्टीपलचेज के फाइनल में जगह बनाई।

सोमवार को क्वालीफाइंग में 62 .43 मीटर के प्रयास के साथ अपना ही राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ने वाली अनु फाइनल में मंगलवार को 61.12 मीटर का ही सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर सकी। अनु ने 59 .25 मीटर के प्रयास के साथ शुरुआत की और फिर यह 27 साल की एथलीट 61.12 मीटर और 60.20 मीटर के प्रयास से शीर्ष आठ में शामिल रही जिससे उन्हें तीन और थ्रो मिले। अनु हालांकि अगले तीन प्रयास में 60.40 मीटर, 58.49 मीटर और 57.93 मीटर की दूरी ही तय कर सकीं और 12 खिलाड़ियों के फाइनल में आठवें स्थान पर रहीं।

भाला फेंक में केल्सी ली बार्बर ने जीता गोल्ड
राष्ट्रमंडल खेल 2018 की सिल्वर मेडल विजेता केल्सी ली बार्बर ने 66 .56 मीटर के प्रयास के साथ गोल्ड मेडल जीता। चीन की एशियाई खेलों की चैंपियन ल्यू शियिंग और उनकी हमवतन एशियाई चैंपियन ल्यू हुई हुई ने 65 .88 मीटर और 65 .49 मीटर के प्रयास के साथ क्रमश: सिल्वर और ब्रोंज पदक जीते। अनु भले ही फाइनल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में नाकाम रही लेकिन इस प्रतियोगिता के दौरान वह विश्व चैंपियनशिप की महिला भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय बनीं। इससे पहले एक अन्य राष्ट्रीय रिकार्ड धारक अविनाश नाटकीय हालात में विश्व चैंपियनशिप की पुरुष ट्रैक स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाने वाले पहले भारतीय बने।

अविनाश को फाइनल में मिली जगह
पहले दौर की हीट में राष्ट्रीय रिकार्ड बनाने के बावजूद शुरुआत में अविनाश पुरुष 3000 मीटर स्टीपलचेज के फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे थे लेकिन इसके बाद भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने विरोध किया कि दौड़ के दौरान अन्य धावकों ने उनका रास्ता रोका जिसके बाद उन्हें फाइनल में जगह दी गई। प्रत्येक हीट में शीर्ष पर रहने वाले तीन धावकों और फिर अगले छह सबसे तेज धावकों ने फाइनल में जगह बनाई। दोनों ही घटनाएं जूनियर विश्व चैंपियन इथोपिया के ताकेले निगाटे से जुड़ी थी। पहली घटना में साब्ले को एक अन्य प्रतिस्पर्धी के ऊपर से कूदना पड़ा क्योंकि चार-पांच धावक एक दूसरे के ऊपर गिर गए थे। रेस के दौरान ही निगाटे साब्ले के सामने एक अवरोध से टकरा गए जिसके बाद भारतीय धावक को इस अवरोध पर चढ़कर जाना पड़ा और उन्होंने अहम समय गंवाया। दो बार धीमा होने के बावजूद 24 साल के साब्ले ने अपने राष्ट्रीय रिकार्ड में तीन सेकेंड से अधिक समय का सुधार किया। उन्होंने इसी साल मार्च में फेडरेशन कप के दौरान आठ मिनट 28 .94 सेकेंड का समय लिया था। साब्ले ने अप्रैल में इसी ट्रैक पर एशियाई चैंपियनशिप के दौरान आठ मिनट 30.19 सेकेंड के समय के साथ सिल्वर मेडल अपने नाम किया था।

 

[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]

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