खो-खो वर्ल्ड कप 2025 का आगाज 13 जनवरी से! कप्तान प्रतीक बैकर के नेतृत्व में टीम इंडिया तैयार। युवा जोश और रणनीतियों से भरपूर, क्या भारत लाएगा वर्ल्ड कप घर?
Kho-Kho World Cup 2025: खो-खो वर्ल्ड कप 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से होने जा रही है और इस टूर्नामेंट का अंतिम मुकाबला 19 जनवरी को खेला जाएगा। इसके लिए भारतीय खो-खो महासंघ और इंटरनेशनल खो-खो महासंघ ने पुरुष और महिला टीमों का ऐलान भी कर दिया है। भारत के पुरुष टीम के कप्तान प्रतीक बैकर को बनाया गया है। वहीं, महिला टीम की कमान प्रियंका इंगले संभालने वाली हैं। भारत के युवा खिलाड़ियों की भागीदारी और उनके जोश को देखकर ऐसा लग रहा है, कि यह टूर्नामेंट बेहद रोमांचक होने वाला है। भारतीय पुरुष टीम के कप्तान प्रतीक का जोश भी सर चढ़कर बोल रहा है। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान खुलकर अपनी रणनीतियों के बारे में चर्चा की है। इंडिया को लीड करने को लेकर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
भारतीय कप्तान प्रतीक बैकर ने एशियानेट न्यूज से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान बातचीत करते हुए बताया है कि "मुझे टीम इंडिया कप्तान बनकर बहुत खुशी हो रही है। 24 साल से लगातार की गई मेरी मेहनत आज रंग लाई है। मेरे घर वाले भी इस पल के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। मेरे लिए यह एक बहुत बड़ा प्लेटफार्म था। मुझे जब लीड करने की जिम्मेदारी दी गई, उसे समय मेरे अंदर काफी ज्यादा एक्साइटमेंट था। देश को गौरवान्वित महसूस करवाने के लिए इससे बड़ा स्टेज नहीं है।"
कप्तानी की जिम्मेदारी को लेकर प्रतीक ने कहा कि "हम 125 करोड़ों लोगों को प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। सभी लोगों को ऐसा लगता है, कि भारत यह वर्ल्ड कप जीतेगा। मेरे लिए कोई नया नहीं है। मैं बड़े-बड़े चुनौतियों को हैंडल किया है। नेशनल से लेकर लीग मुकाबले में मैंने प्रेशर को झेला है। मैं इकलौता ऐसा खिलाड़ी हूं, जो अंडर 14, अंडर 18 और सीनियर टीम में महाराष्ट्र की ओर से कप्तानी कर चुका हूं। तीनों में हमने उम्दा प्रदर्शन किया है और नेशनल में गोल्ड मेडल जीता है।"
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खो खो खेल के प्रति नए युवाओं के मौकों के बारे में बताया कि "इस खेल में युवाओं को बहुत मौके मिलेंगे। जब से खो खो में लीग मैचों की शुरुआत हुई है, तब से हजार से ज्यादा लड़कों को मौका दिया गया है। इंटरनेशनल और नेशनल स्तर पर खिलाड़ियों को चुना गया है। इंटरनेशनल लेवल पर इस खेल को एक नई पहचान मिलेगी। जो पेरेंट्स बच्चों को इस खेल में केवल नेशनल स्तर बोलकर भेजना नहीं चाहते थे, वो अब बेझिझक जाने के लिए बोलेंगे। 6 कॉन्टिनेंट में इस गेम को खेला जा रहा है। कॉन्टिनेंट में USA, कनाडा, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आ रही हैं। अफ्रीकन कंट्री में यूगांडा, घाना जैसे देशों से टीमें आएंगी, तो यह गेम ओलंपिक में भी जाएगा। इससे इस खेल के प्रति सपने देखने वाले बच्चों को खेलने का मौका मिलेगा।"
मैच की तैयारियों पर भारतीय कप्तान ने कहा कि "डेढ़ साल से हम इसके लिए तैयारी कर रहे हैं। 6 महीने से पहले हमें डाइटिशियन दिया गया। स्पोर्ट्स साइंस प्रोजेक्ट के लिए हमें दिल्ली बुलाया गया था। उन्होंने हमारे पूरे मसल्स के ऊपर वर्क किया है। हमारे बॉडी के ब्लड टेस्ट किए गए, डेक्सा स्कैन हुआ। वहां से हमें अपने बॉडी को ध्यान रखने के लिए सभी तरीके बताए गए। हमारे मेंटल हेल्थ के लिए भी काम किया गया। ऐप के माध्यम से हमारा ध्यान रखा गया और आईसाइट ठीक करने के लिए भी वर्क किया गया। भारतीय सरकार ने हमें खेल के प्रति काफी ज्यादा सपोर्ट किया है।"
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