
Fauja Singh death at 114: ब्रिटिश मैराथन धावक फौजा सिंह का 114 साल की उम्र में निधन हो गया। पंजाब के ब्यास पिंड के पास एक सड़क हादसे में उनकी मौत हुई। फौजा सिंह को टर्बन्ड टोर्नाडो के नाम से भी जाना जाता हैं, उन्होंने 89 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया और 100 मीटर से लेकर 5000 मीटर तक की दौड़ में कई विश्व रिकॉर्ड बनाए। वे लंदन, ग्लासगो, टोरंटो, हांगकांग जैसी कंट्री में कई मैराथन दौड़ों में हिस्सा ले चुके हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं कौन थे टर्बन्ड टोर्नाडो फौजा सिंह...
कौन थे फौजा सिंह (Who Was Fauja Singh)
फौजा सिंह का जन्म 1 अप्रैल 1911 को जालंधर, पंजाब में हुआ। वे एक किसान परिवार में जन्मे चार बच्चों में सबसे छोटे थे। लेकिन बचपन में बहुत कमजोर और पतले थे, जिसके कारण 5 साल की उम्र तक वह चल भी नहीं पाए थे। धीरे-धीरे उन्होंने चलना शुरू किया और अपने परिवार के लिए उन्होंने खेती करना शुरू किया। 1992 में उनकी पत्नी का निधन हो गया और बेटे के साथ वह इंग्लैंड चले गए।
बेटे की मौत के बाद शुरू की जॉगिंग (Oldest marathon runner in the world)
1992 में पत्नी की मौत के बाद 1994 में फौजा सिंह के बेटे कुलदीप की मौत हो गई। इसके बाद फौजा सिंह ने धीरे-धीरे जॉगिंग करना शुरू किया और साल 2000 में 89 साल की उम्र में उन्होंने रनिंग करने का फैसला किया। लंदन मैराथन में 6 घंटे 54 मिनट रनिंग करके उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। वह 90 प्लस की एज में सबसे तेज रनिंग करने वाले एथलीट बनें। 100 मीटर से लेकर 5000 मीटर में उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े, जो इस प्रकार हैं-
100 मीटर: 23.40 सेकंड
200 मीटर: 52.23 सेकंड
400 मीटर: 2:13.48 मिनट
800 मीटर: 5:32.18 मिनट
1,500 मीटर: 11:27.00 मिनट
1 मील: 11:53.45 मिनट
3,000 मीटर: 24:52.47
5,000 मीटर: 49:57.39
फौजा सिंह पर बनने वाली है बायोपिक (Turbaned Tornado story)
साल 2021 में ही बॉलीवुड डायरेक्टर ओमंग कुमार बी ने फौजा सिंह की बायोपिक फौजा अनाउंस की थी। इसके अलावा 2011 में उन्हें प्राइड ऑफ इंडिया का खिताब भी मिला था। सबसे बड़ी बात यह है कि फौजा सिंह 114 साल की उम्र तक जीवित रहे और पूरी लाइफ उन्होंने वेजीटेरियन डाइट ली। वे PETA अभियान में शामिल होने वाले व्यक्ति भी बनें, जिसमें डेविड बेकहम और मोहम्मद अली जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। फौजा सिंह लंदन ओलंपिक 2012 में मालवाहक भी बने थे।