सीओएआई ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ शुक्रवार को बैठक में कंपनियों पर सांविधिक बकाए की वसूली के लिए समायोजित सकल आय (एजीआर) की गणना के तौर-तरीकों का मुद्दा उठाया
नई दिल्ली: दूरसंचार क्षेत्र के वित्तीय संकट के बीच दूरसंचार कंपनियों के शीर्ष संगठन सीओएआई ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ शुक्रवार को बैठक में कंपनियों पर सांविधिक बकाए की वसूली के लिए समायोजित सकल आय (एजीआर) की गणना के तौर-तरीकों का मुद्दा उठाया।
संगठन ने लाइसेंस शुल्क एवं स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क में कटौती की भी मांग की है। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने वित्त मंत्री के साथ बजट - पूर्व बैठक के बाद कहा कि दूरसंचार उद्योग ने सरकार से बुनियादी ढांचा बैंक स्थापित करने की मांग की है , जो कि कर मुक्त बॉन्ड जारी करके पैसे जुटाएगा। इसका उपयोग कंपनियों को कम दरों पर कर्ज देने में किया जा सकता है।
एजीआर और उच्च शुल्क का मुद्दा उठा
मैथ्यूज ने कहा कि उद्योग ने बैठक में एजीआर और उच्च शुल्क का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि पहली चीज जो हमने सरकार के सामने रखी वो एजीआर ,अधिक लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) का मुद्दा है। मैथ्यूज ने कहा , " हमने आग्रह किया है कि मौजूदा समय में लाइसेंस शुल्क आठ प्रतिशत है , जिसे घटाकर तीन प्रतिशत और एसयूसी को 5 प्रतिशत से कम करके एक प्रतिशत किया जाए ... और यह काम उचित समय पर हो। "
आयात शुल्क को हटाने की मांग
समायोजित सकल आय (एजीआर) पर उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले से दूरसंचार कंपनियों को कुल मिलाकर 1.47 लाख करोड़ रुपये के सांविधिक बकाए का भुगतान करना है। दूरसंचार कंपनियों के बकाये में 92,642 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क के तथा 55,054 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के शामिल हैं।
मैथ्यूज ने कहा , "हमने जीएसटी से जुड़े मुद्दे भी उठाए ... हमारे स्पेक्ट्रम और लाइसेंस शुल्क पर 18 प्रतिशत का कर लगता है क्योंकि इन्हें सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया गया है। हमने कहा कि ये सेवाएं नहीं हैं।"
सीओएआई ने सरकार से दूरंसचार उपकरणों पर ऊंचे आयात शुल्क को हटाने की भी मांग की है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)