यूजर को हमेशा प्ले स्टोर से वेरीफाई एप्लिकेशन डाउनलोड करना चाहिए क्योंकि प्लेटफॉर्म पर कई खतरनाक, थर्ड पार्टी एप्लिकेशन उपलब्ध हैं। ऐसे एप्लिकेशन डाउनलोड करने से पहले, यूजर को डेवलपर, रेटिंग और कमेंट की जांच करनी चाहिए।
टेक डेस्क. Google Play Store से लगभग 9 लाख ऐप्स को हटाने की तैयारी कर रहा है, जिन्हें छोड़ दिया गया है या अपडेट नहीं किया गया है। Google उन ऐप्स को छिपाने की तैयारी कर रहा है, जिससे यूजर के लिए उन्हें तब तक डाउनलोड करना असंभव हो जाता है जब तक कि डेवलपर उन्हें अपडेट नहीं कर देते। Google और Apple दोनों ने छोड़े गए ऐप्स या ऐप्स से निपटने का उपाय किया है जिन्हें दो साल में अपडेट नहीं किया गया है। Google में यह 869,000 ऐप्स के बराबर है, जबकि Apple के पास लगभग 650,000 ऐप्स हैं। आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों कंपनियां अपने यूजर की सुरक्षा की रक्षा के लिए ये उपाय कर रही हैं।
ऐसे ऐप को पहले भी किया जा चुका है रिमूव
Google ने इससे पहले 150 फालतू ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया था। ये ऐप कथित तौर पर अल्टिमाएसएमएस नामक एक अभियान का हिस्सा थे, जो मूल रूप से स्कैमर्स ने एंड्रॉइड यूजर को प्रीमियम एसएमएस सेवाओं के लिए साइन इन करने का लालच दिया था। स्कैमर्स ने कथित तौर पर ऐसी प्रीमियम सेवाओं की सदस्यता के बदले पैसे का वादा किया था। अवास्ट एंटीवायरस ब्लॉग से आई रिपोर्ट के अनुसार, इन अभियानों का हिस्सा रहे सैकड़ों ऐप्स को 10.5 मिलियन से अधिक बार डाउनलोड किया गया।
यूजर की पर्सनल जानकारी को करते थे लीक
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब किसी यूजर ने इनमें से किसी एक ऐप को डाउनलोड किया, तो ऐप ने देश कोड और स्थानीय भाषा की पहचान करने के लिए स्थान, अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (IMEI) और फोन नंबर जैसे जानकारी की जांच की। ऐप ने आगे यूजर को अपना मोबाइल नंबर और कभी-कभी ईमेल पता दर्ज करने के लिए कहा। यूजर को हमेशा प्ले स्टोर से वेरीफाई एप्लिकेशन डाउनलोड करना चाहिए क्योंकि प्लेटफॉर्म पर कई खतरनाक, थर्ड पार्टी एप्लिकेशन उपलब्ध हैं। ऐसे एप्लिकेशन डाउनलोड करने से पहले, यूजर को डेवलपर, रेटिंग और कमेंट की जांच करनी चाहिए।
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