वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) पर फोकस्ड वेबसाइट Top10VPN की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि साल 2021 में ग्लोबल इंटरनेट शटडाउन ने पूरी दुनिया की 486.2 मिलियन लोगों को प्रभावित किया है। 365 दिन में 21 देशों में कम से कम 50 बड़े इंटरनेट कोल्प्स हुए हैं।
टेक एंड बिजनेस डेस्क। साल 2021 में इंटरनेट शटडाउन (internet shutdown) के कारण Global Economy को 5.45 बिलियन डॉलर (लगभग 40,300 करोड़ रुपये) का भारी-भरकम नुकसान उठाना पड़ा है। 2021 में पूरी दुनिया में इंटरनेट शटडाउन की अवधि 36 फीसदी बढ़कर तकरीबन 30,000 घंटे हो गई है। भारत उन शीर्ष-3 देशों में है, जहां बीते साल इंटरनेट शटडाउन की से सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। एक रिपोर्टके मुताबिक देश में साल 2021 में तकरीबन 1,157 घंटे इंटरनेट ठप्प रहा इसमें कंपनियों की लगभग 4,300 करोड़ रुपये की लागत शामिल थी।
486.2 मिलियन यूजर्स हुए प्रभावित
वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) पर फोकस्ड वेबसाइट Top10VPN की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि साल 2021 में ग्लोबल इंटरनेट शटडाउन ने पूरी दुनिया की 486.2 मिलियन लोगों को प्रभावित किया है। 365 दिन में 21 देशों में कम से कम 50 बड़े इंटरनेट कोल्प्स हुए हैं। इंटरनेट बंद होने में ज्यादातर सरकारों की सिफारिश थी, आंकलन के मुताबिक 75 फीसदी विभिन्न देशों की सरकारों के लगाई पाबंदी की वजह इंटरनेट में रुकावट आई थी।
म्यांमार पहले पायदान पर
इंटरनेट शटडाउन के मामले में म्यांमार पहले पायदान पर रहा है। यहां 12,238 घंटों तक इंटरनेट बंद रहा और इससे इस देश के 22 मिलियन यूजर्स प्रभावित हुए। म्यांमार में इंटरनेट शटडाउन की कॉस्ट 2.8 बिलियन डॉलर (लगभग 20,700 करोड़ रुपये) थी। इस सूची में नाइजीरिया दूसरे स्थान पर है। वहां इंटरनेट आउटेज ने 104.4 मिलियन यूजर्स को प्रभावित किया। इसमें 1.5 बिलियन डॉलर (लगभग 11,100 करोड़ रुपये) की कॉस्ट आई।
इंटरनेट शटडाउन में भारत का तीसरा स्थान
इंटरनेट शटडाउन में तीसरा स्थान भारत का है। बीते साल इंडिया में 1,157 घंटों तक इंटरनेट बंद रहा। इसमें 317.5 घंटे का फुल इंटरनेट ब्लैकआउट था, जबकि 840 घंटे बैंडविड्थ थ्रॉटलिंग की वजह से इंटरनेट बेद रहा। यानी इस समयावधि के दौरान सिर्फ 2G सर्विसेज ही प्रोवाइड कराईं गईं थी । 2021 में भारत के इंटरनेट बंद होने से 59.1 मिलियन यूजर्स प्रभावित हुए।
कश्मीर में सबसे अधिक समय तक कम रही इंटरनेट की गति
Top10VPN ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इंडिया में कश्मीर में सबसे अधिक बार इंटरनेट की स्पीड को कम किया गया। करीब डेढ़ साल तक सिर्फ 2G स्पीड ही प्रोवाइड कराई गई थी। पिछले साल फरवरी में घाटी में इंटरनेट सेवाओं को बहाल किया गया था।
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