इनवरर्टर लगवाते समय इन बातों का रखें ध्यान, दो महीने में बदलते रहें बैटरी का पानी
इनवर्टर की बैटरी सबसे अहम रोल है। इनवर्टर की बैटरी का पानी एक से दो महीने के भीतर चेक करते रहना चाहिए। बैटरी पुरानी होने पर उसे बदल दें, क्योंकि पुरानी बैटरी ज्यादा लोड नहीं ले पाती है।
टेक डेस्क. गर्मी में इनवरर्टर का यूज बढ़ जाता है। गर्मी में बिना पंखे या कूलर के गर्मी में रहना मुश्किल होता है। गर्मी के कारण कई जगहों में लाइट चली जाती है। जिस कारण से आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ता है लेकिन इनवरर्टर होने से आप अपनी गर्मी को आसानी से काट सकते हैं। अगर आपके यहां इनवर्टर है तो आपको कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा। कई बार लाइट लंबे समय तक चली जाती है। ऐसे में इनवर्टर पर ज्यादा लोड पड़ जाता है। ऐसे में इनवर्टर की सही देखभाल करना बेहद जरूरी है।
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इनवर्टर में सबसे अहम लोड ही है इस पर ज्यादा लोड नहीं देना चाहिए। इससे इनवर्टर खराब हो सकता है। अगर आपका इनवर्टर 500 वोल्ट एंपियर का है तो आपको 380 वाट से ज्यादा का लोड इनवर्टर पर नहीं देना चाहिए। इनवर्टर्स में एक ट्रिपर होता है जो ओवरलोड को बताता है। अगर लोड ज्यादा हो जाए तो इनवर्टर के जलने की संभावना रहती है।
लाइट जाने के बाद कूल की जगह पंखा चलाएं। कई बार इनवर्टर का कनेक्शन पूरे घर में कर दिया जाता है। ऐसे में पूरे घर में लाइट नहीं जलाएं ताकि इसका लोड ज्यादा नहीं बढ़ने पाए।
इनवर्टर को ऐसी जगह रखें जहां पर उसे पर्याप्त हवा मिल सके। इसे दीवार से लगाकर बिल्कुल न रखें। इस पर कोई कपड़ा भी न लपेटें। इससे इनवर्टर के जलने की संभावना रहती है।
इनवर्टर की बैटरी सबसे अहम रोल है। इनवर्टर की बैटरी का पानी एक से दो महीने के भीतर चेक करते रहना चाहिए। अगर लेवल कम हो जाए तो उसे चेंज करना चाहिए। यह आप खुद भी कर सकते हैं।
बैटरी पुरानी होने पर उसे बदल दें। क्योंकि पुरानी बैटरी ज्यादा लोड नहीं ले पाती है।