नई टेक्नोलॉजी हमारी लाइफ में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही हैं। इस साल सबसे ज्यादा चर्चा उभरती हुई टेक्नोलॉजी की हुई। इनमें AR, VR, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, मेटावर्स और 3D प्रिंटिंग जैसी कई टेक्नोलॉजी है। जो हमारी दुनिया बदलने वाली साबित होंगी।
Tech News : पुराने साल के जाने के बीच नए साल के स्वागत की तैयारियां चल रही हैं। नया साल आने में अब बस कुछ दिनों का वक्त है। पुराना साल कई चीजों के लिए याद किया जाएगा। उनमें टेक्नोलॉजी का भी अहम रोल है। यह साल भी पूरी तरह टेक्नोलॉजी के नाम रहा। इस साल ने कई ऐसी उभरती टेक्नोलॉजी से हमारा परिचय कराया है, जिनकी वजह से हमारी दुनिया काफी बदलने का काम किया है। आइए जानते हैं ऐसी कौन-कौन सी टेक्नोलॉजी है, जो हमारा फ्यूचर बनने जा रही हैं..
Augmented Reality और Virtual Reality
AR यानी Augmented Reality और VR मतलब Virtual Reality टेक्नोलॉजी डिजिटल दुनिया के साथ इंटरेक्शन और कम्युनिकेशन को आसान बनाती हैं। इसकी यह खासियत है कि डिजिटल दुनिया वास्तविक दुनिया से आसानी से कनेक्ट होती है। आज के दौरा में AR और VR के यूज गेमिंग, एंटरटेनमेंट, मार्केटिंग, एजुकेशन, फैशन और आर्ट्स के क्षेत्र में है।
Natural Language Processing
नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग यानी NLP (Natural Language Processing) एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ह्यूमन साइंस का एक पार्ट है। यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसकी मदद से कंप्यूटर या मशीन इंसान की लैंग्वेज को आसानी से समझ लेता है और उसे बोलता है।
Serverless Computing
सर्वरलेस कंप्यूटिंग को FaaS कहा जाता है। यह क्लाउड-कंप्यूटिंग का नया रुप है। इसे काम करने के लिए होस्ट सर्वर की आवश्यकता नहीं होती है। खुद का कोई सर्वर न होने के चलते सर्वरलेस कहा जाता है। सर्वर न होने की स्थिति में यूजर्स को उसे मैनेज करने की जरुरत नहीं होती है। इसी वजह से यूजर्स आसानी से कोडिंग या दूसरे काम कर पाते हैं।
Metaverse
यह एक वर्चुअल दुनिया है, जहां वर्चुअली एंट्री किया जाता है लेकिन आपको ऐसा फील होगा कि आप फिजिकली वहां मौजूद हैं। आसान भाषा में समझें तो Metaverse एक आभासी दुनिया है, जहां आपकी अलग पहचान होती है। इस वर्चुअल दुनिया में आप घूमने फिरने के साथ ही फ्रैंड्स के साथ पार्टी और मस्ती भी कर सकते हैं। इसमें एक साथ कई टेक्नोलॉजी जैसे- ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यूज किया जाता है।
Blockchain
क्रिप्टोकरेंसी और बिटक्वाइन जिस तरह तेजी से पॉपुलर हुआ है, उससे ब्लॉकचेन को समझना आसान है। ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर है, जिसमें ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ पर जो भी ट्रांजेक्शन होता है, वो चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर दिखाई देता है। ब्लॉकचेन में कहीं भी कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसका रिकॉर्ड पूरे नेटवर्क पर दिखता है। यही कारण है कि इसे डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी भी कहते हैं।
Web 3.0
Web 3.0 की बात करें तो Web 2.0 का एडवांस्ड वर्जन है। इससे कोई भी कंपनी आपको कंट्रोल नहीं कर पाएगी। Web 3.0 में कोई एक कंपनी नहीं बल्कि हर यूजर अपने कंटेंट का मालिक हो जाएगा। Web 3.0 का कॉन्सेप्ट इंटरनेट को डिसेंट्रलाइज करना है। ये ब्लॉकचेन पर बेस्ड होगा। इसके आने के बाद आपके पास ज्यादा पावर होगी। आपका कंटेंट आपका ही होगा। इसके बदले आपको टोकन दिया जाएगा।
3D Printing
3D प्रिंटिंग या additive manufacturing एक ऐसा प्रॉसेस है, जिसमें किसी डिजिटल फाइल से थ्री डाइमेंशनल सॉलिड ऑब्जेक्ट को बनाया जाता है। इसकी मदद से कई सेक्टर में बड़ा बदलाव आने वाला है। इसमें सबकुछ कंप्यूटर की मदद से होगा। इसकी मदद से कई तरह के ऑब्जेक्ट जैसे खिलौने, गहने, उपकरण और हथियारों को डिजाइन किया जाता है।
Autonomous Robotics
Autonomous Robots सबसे बड़ी खोज में से एक है। ये वे रोबोट होते है, जो आसपास होने वाले बदलाव के अनुसार खुद को बदल लेते हैं। इन्हें कंट्रोल करने के लिए किसी इंसान भी जरुरत नहीं होती है। इन्हें इस तरह डिजाइन किया जाता है कि से खुद से ही काम कर सकें। समाज में बदलाव के हिसाब से ही इन्हें नई चीजों की शिक्षा भी दी जाती है और ट्रेंड किया जाता है। आने वाले समय में इन्हें बड़ा बदलाव लाने वाला बताया जा रहा है।
Wi-Fi 6
Wi-Fi 6 वायरलेस टेक्नोलॉजी की wi-fi 5 का अपग्रेड वर्जन है। Wi-fi 6 इस समय का सबसे तेज और लेटेस्ट वाईफाई है। इसकी स्पीड करीब 10 Gbps तक होगी। अगर एक VR डिवाइस है और कई तरह के स्मार्ट होम डिवाइस तो वाईफाई-6 राउटर सबसे बेस्ट राउटर होगा। यह इंटरनेट की दुनिया में क्रांति लाने वाली टेक्नोलॉजी मानी जा रही है।
Artificial Intelligence Assistant
यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसमें मशीनों की मदद से बिना किसी इंसान की सहायता लिए काम करवाने का प्रयास किया गया है। आजकल करीब-करीब हर जगह Artificial Intelligence का यूज किया जा रहा है। इसका सबसे सटीक उदाहरण कारों के क्षेत्रों में देखने को मिलता है। जैसे- आज कल बहुत सी कार कंपनियां अपनी कारों में सेंसर लगा देती हैं। जिससे ड्राइविंग आसान हो जाती है। इन सेंसरों में GPS, Radar, Sonar और Lidar जैसे सेंसर शामिल हैं।
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