बायजू रवींद्रन सीईओ पद से हटाए जाएंगे? संकटग्रस्त एडटेक स्टार्टअप ने कहा-मीटिंग का प्रस्ताव अमान्य होने के कारण किया गया खारिज

Published : Feb 23, 2024, 06:48 PM ISTUpdated : Feb 23, 2024, 08:02 PM IST
Bengaluru employee union alleges Byju's forcing resignations

सार

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, एडटेक स्टार्टअप बायजू के शेयरधारकों ने संस्थापक बायजू रवींद्रन को सीईओ पद से हटाने के लिए वोट किया है। 

Byju's Investors Vote: देश की सबसे बड़ी एडटेक स्टार्टअप बायजू के कुछ शेयर होल्डर्स ने फाउंडर बायजू रवींद्रन को सीईओ पद से हटाने की मुहिम तेज कर दी है। शुक्रवार को बायजू के निवेशकों ने संकटग्रस्त एडटेक स्टार्टअप को बचाने के लिए महत्वपूर्व मीटिंग कर वोट किया। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, एडटेक स्टार्टअप बायजू के शेयरधारकों ने संस्थापक बायजू रवींद्रन को सीईओ पद से हटाने के लिए वोट किया है। हालांकि, अभी तक सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रोसस एनवी और पीक एक्सवी पार्टनर्स सहित प्रमुख बायजू के शेयरधारकों ने संस्थापक को मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद से हटाने के लिए मतदान किया।

उधर, कंपनी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि बायजू ने उन प्रस्तावों को खारिज कर दिया जिसमें बायजू रवींद्रन को 2015 में स्थापित कंपनी के बोर्ड से हटाने की भी मांग की गई थी। कंपनी ने कहा कि हाल ही में संपन्न असाधारण आम बैठक के दौरान पारित प्रस्ताव अमान्य और अप्रभावी है क्योंकि इसमें चुनिंदा शेयरधारकों के एक छोटे समूह ने भाग लिया।

दरअसल, बायजू (Byjus) कंपनी के चार इन्वेस्टर्स ने एनसीएलटी में केस दायर कर फाउंडर बायजू रवींद्रन को सीईओ पद से हटाने की अपील की थी। NCLT में याचिका दायर करने से पहले निवेशकों ने कहा था कि मिसमैनेजमेंट और फेल्योर्स की वजह से रवींद्रन और उनकी फैमिली को बोर्ड से हटा दिया जाए। शेयर होल्डर्स का मानना है कि रवींद्रन और उनकी फैमिली कंपनी को सही तरीके से चलाने में सक्षम नहीं हैं। उन लोगों के मिस मैनेजमेंट की वजह से कंपनी संकटग्रस्त हुई है। रवींद्रन को हटाए बिना कंपनी को संकट से उबारा नहीं जा सकता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट्स के मुताबिक, निवेशक अब एक नया CEO और बोर्ड चुनना चाहते हैं।

बायजू को कहीं से राहत नहीं

ED का बेंगलुरू ऑफिस फिलहाल बायजूस के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) उल्लंघन के तहत जांच कर रहा है। ईडी ने रवींद्रन को देश छोड़ने से रोकने के लिए एक नई LOC जारी करने की बात कही है। रवींद्रन के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर उस समय जारी हुआ है जब उनको कर्नाटक हाईकोर्ट से भी झटका लगा है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने बायजू रवींद्रन को राहत देने से इनकार करते हुए इमरजेंसी शेयर होल्डर्स मीटिंग बुलाए जाने से रोकने से मना कर दिया है। इस मीटिंग में शेयरहोल्डर्स ने रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्यों को बोर्ड से बाहर करने का फैसला लिया है। 3 महीने पहले नवंबर, 2023 में ED ने बायजू रवीन्द्रन और उनकी मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड को 9,362 करोड़ रुपए का नोटिस जारी किया था।

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