क्या 5 साल में AI खत्म कर देगी नौकरियां? गूगल डीपमाइंड के CEO का चौंकाने वाला खुलासा

Published : May 27, 2025, 09:46 AM IST
क्या 5 साल में AI खत्म कर देगी नौकरियां? गूगल डीपमाइंड के CEO का चौंकाने वाला खुलासा

सार

गूगल डीपमाइंड के CEO डेमीस हसाबिस ने किशोरों को AI से नौकरियां जाने का खतरा बताया है और उन्हें अभी से तैयारी करने की सलाह दी है। AI युग में रचनात्मकता और तकनीकी ज्ञान दोनों ज़रूरी होंगे।

कैलिफ़ोर्निया: दुनिया तेज़ी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ओर बढ़ रही है। अब गूगल डीपमाइंड के CEO डेमीस हसाबिस ने युवाओं, खासकर किशोरों के लिए एक साफ़ संदेश दिया है। उन्होंने किशोरों को चेतावनी दी है कि पाँच सालों में AI कई नौकरियां खत्म कर देगा, इसलिए अभी से तैयार हो जाओ। “हार्ड फोर्क” नाम के एक मशहूर टेक पॉडकास्ट में बात करते हुए, हसाबिस ने किशोरों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सीखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि AI आज के किशोरों के समय की सबसे बड़ी तकनीकी शक्ति है, और अगर वे अभी से तैयारी नहीं करेंगे, तो पीछे रह जाएँगे।

डेमीस हसाबिस गूगल की सबसे एडवांस AI तकनीकों, जैसे जेमिनी चैटबॉट और भविष्य के आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) पर काम करने वाली लैब के प्रमुख हैं। हसाबिस का मानना है कि अगले 10 सालों में हम इंसानों की तरह सोचने वाले AI सिस्टम देख पाएंगे।

गूगल के डेवलपर इवेंट, गूगल I/O और टेक पॉडकास्ट हार्ड फोर्क, दोनों में डेमीस हसाबिस ने किशोरों को यही सलाह दी। हसाबिस ने कहा कि आज AI का युग है। जिस तरह इंटरनेट ने मिलेनियल्स को और स्मार्टफोन ने जेन-जेड को बदला, उसी तरह जेन-अल्फा, जेनरेटिव AI से प्रभावित होगा। उन्होंने युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में गहराई से उतरने और इसे अपनी पढ़ाई का हिस्सा बनाने की सलाह दी।

हसाबिस ने कहा कि आने वाले पाँच से दस सालों में AI की वजह से कुछ नौकरियां खत्म हो सकती हैं, लेकिन इससे ज़्यादा रोमांचक और कीमती रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे। इसलिए उन्होंने छात्रों से AI टूल्स और उनके पीछे के सिद्धांतों को समझने का आग्रह किया। उन्होंने छात्रों को तकनीक के "निंजा" बनने की सलाह दी। हसाबिस ने कहा कि आज का समय सोचने, बदलते हालात के साथ ढलने, तकनीकी हुनर सीखने के साथ-साथ रचनात्मकता बढ़ाने का भी है।

डेमीस हसाबिस ने यह भी कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए सिर्फ़ कोडिंग जैसा तकनीकी ज्ञान काफ़ी नहीं होगा। यानी उनका मानना है कि सिर्फ़ तकनीकी ज्ञान ही सब कुछ नहीं है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि STEM (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग, गणित) जैसे विषयों में मज़बूत नींव होना ज़रूरी है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि रचनात्मकता, अनुकूलनशीलता और लचीलापन जैसे "मेटा स्किल्स" भविष्य में बहुत काम आएंगे।

ओपनएआई के चैटजीपीटी के आने के बाद से AI का विकास बहुत तेज़ हो गया है। एक तरफ़ जहाँ इससे उत्साह बढ़ा है, वहीं दूसरी तरफ़ लोग AI के नौकरियों पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित भी हैं। हसाबिस ने कहा कि ऐसे में AI को समझना, इस्तेमाल करना और उसमें नए प्रयोग करना आज के युवाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती और ज़िम्मेदारी है।

डेमीस हसाबिस कहते हैं कि AI सिर्फ़ भविष्य ही नहीं, बल्कि वर्तमान भी है। आज जो युवा इसे अपनाएँगे, वे कल की दुनिया में आगे होंगे। उन्होंने छात्रों से कहा कि यूनिवर्सिटी के समय का इस्तेमाल सिर्फ़ डिग्री हासिल करने के लिए ही नहीं, बल्कि खुद को समझने और सीखने के तरीके को बेहतर बनाने के लिए भी करना चाहिए। गूगल डीपमाइंड के CEO डेमीस हसाबिस ने चेतावनी दी कि क्योंकि AI कई मुश्किल स्किल्स को बेहतर बना रहा है, इसलिए आज के युवाओं को लचीलापन और तेज़ सोच जैसे गुण विकसित करने होंगे।

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