
How Internet Works in Space : जरा देर के लिए आपका मोबाइल सिग्नल चला जाए तो आप परेशान हो जाते हैं, लेकिन सोचिए अगर कोई अंतरिक्ष में हो, जहां न मोबाइल टावर है, न फाइबर केबल और ना ही गुरुत्व तो वहां इंटरनेट कैसे पहुंचता होगा? अब जब इंडियन एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन के लिए बुधवार, 25 जून 2025 को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) रवाना हो चुके हैं, तो सवाल उठता है कि क्या वो और बाकी अंतरिक्ष यात्री स्पेस में इंटरनेट चला सकते हैं? क्या वहां भी Wi-Fi होती है? आखिर NASA वाले ISS में इंटरनेट का जुगाड़ कैसे करते हैं?
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यानी ISS में इंटरनेट होता है, लेकिन वो आपकी वाई-फाई से थोड़ा अलग है। वहां नेटवर्क की स्पीड, सिग्नल रूट और टेक्नोलॉजी सब कुछ खास होता है। नासा की खास टेक्नोलॉजी से वहां नेटवर्क पहुंचता है। नासा ने 2014 में पहली बार स्पेस इंटरनेट से धरती पर ट्वीट भेजा था।
ISS में इंटरनेट सीधे किसी मोबाइल नेटवर्क या केबल से नहीं जुड़ा होता। इसके लिए NASA और बाकी एजेंसियां सैटेलाइट रिले (Satellite Relay) सिस्टम का इस्तेमाल करती हैं। ये सैटेलाइट्स पृथ्वी के चारों ओर घूमते हैं और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से डेटा रिसीव कर धरती पर भेजते हैं, ठीक इसी तरह धरती से स्पेस स्टेशन तक। इसके तीन स्टेप हैं।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, ISS में इंटरनेट डाउनलोड स्पीड करीब 600 Mbps और अपलोड स्पीड 25 Mbps के करीब होती है। हैरानी की बात ये है कि कुछ देशों की तुलना में स्पेस स्टेशन की स्पीड ज्यादा बेहतर है। हालांकि, इसमें Latency (डिले) ज्यादा होता है, क्योंकि सिग्नल को धरती और सैटेलाइट के बीच घूमना पड़ता है।
स्पेस स्टेशन में लोकल वाईफाई नेटवर्क होता है, जिससे एस्ट्रोनॉट्स अपने लैपटॉप, टैबलेट या साइंटिस्ट इक्विपमेंट को कनेक्ट करते हैं। ये वाईफाई ISS के अंदर ही चलता है, लेकिन उसका आउटलेट इंटरनेट तक नासा के सैटेलाइट सिस्टम से जुड़ा होता है।
अब ISS में रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स अपनी फैमिली से वीडियो कॉल, ईमेल और यहां तक कि इंस्टाग्राम पर भी फोटोज शेयर कर सकते हैं। हालांकि, ISS में इंटरनेट सिर्फ एंटरटेनमेंट या कॉलिंग के लिए नहीं है, इसका सबसे बड़ा रोल साइंटिफिक डेटा ट्रांसफर में है। वहां पर चल रहे साइंटिफिक रिसर्च का डेटा सीधे धरती के लैब्स में पहुंचाया जाता है। रोबोटिक आर्म और AI सिस्टम भी इंटरनेट से जुड़े होते हैं, ताकि वे धरती से रियल-टाइम कमांड ले सकें।