
Chatgpt Risk and Safety Tips : क्या आपने कभी सोचा है कि जिस AI टूल से आप हर दिन सवाल पूछते हैं, अपने कई काम करवाते हैं, मेल लिखवाते हैं, प्लान बनवाते हैं..वो कितना सेफ है? कहीं वो आपकी बातें सुन और रिकॉर्ड तो नहीं कर रहा है? दरअसल, ChatGPT अब हमारी डिजिटल लाइफ का हिस्सा बन चुका है। इससे बात करना उतना ही कॉमन हो गया है, जितना WhatsApp पर चैट करना। लेकिन कहीं ऐसा तो नहीं कि जो टूल हमें इतना स्मार्ट बना रहा है, वो हमारी प्राइवेसी को स्मार्टली चुरा तो नहीं रहा है? जानकर हैरानी होगी कि भारत दुनिया में ChatGPT का दूसरा सबसे बड़ा यूजर बेस बन चुका है। लेकिन ज्यादातर यूजर्स ये नहीं जानते कि इस एआई टूल पर कुछ भी शेयर करना रिस्की है। एक गलत स्टेप आपकी पर्सनल लाइफ, प्रोफेशनल डेटा और सिक्योरिटी को दांव पर लगा सकता है। तो चलिए जानते हैं ChatGPT पर क्या-क्या शेयर नहीं करना चाहिए, इसे यूज करने के 5 सेफ्टी टिप्स...
AI एक्सपर्ट्स के अनुसार, ChatGPT दो तरह के डेटा स्टोर करता है। पहला इंप्लिसिट डेटा होता है, जो सिस्टम खुद इकट्ठा करता है. जैसे आपकी लोकेशन, डिवाइस टाइप, IP एड्रेस, आपने कब और कितनी बार ChatGPT इस्तेमाल किया।
ऐसा डेटा जो आप खुद चैट में डालते हैं, जैसे- नाम, ईमेल, सवालों के कंटेंट, डॉक्यूमेंट या कोड। OpenAI इस डेटा का यूज अपने मॉडल को बेहतर बनाने के लिए करता है।
नाम, ईमेल, फोन नंबर या बैंक डिटेल्स जो भी आप शेयर करते हैं, वो ChatGPT के सर्वर पर सेव हो सकता है और फ्यूचर में लीक भी हो सकता है।
AI इंसान नहीं एक मशीन है। यह आपको ऐसी सलाह भी दे सकता है, जो नियमों या मेडिकल एथिक्स के खिलाफ हो। कभी-कभी इसका जवाब किसी विचारधारा या पक्ष के झुकाव वाला हो सकता है। इसलिए इस पर कुछ भी सलाह लेना खतरनाक हो सकता है।
ChatGPT से मिला कोड या कंटेंट कहीं किसी अन्य की प्रॉपर्टी हो सकता है, जो ओपन-सोर्स लाइसेंस का उल्लंघन है, यह आपको कानूनी पचड़ों में फंसा सकता है।
कभी-कभी चैपजीपीटी पर जो टेक्स्ट आपको मिलता है, वो किसी बुक या वेबसाइट का हिस्सा हो सकता है। ऐसे में आप कॉपीराइट के झमेले में पड़ सकते हैं।
ChatGPT की जानकारी अपडेटेड नहीं होती हैं। यह 2024 या उससे पहले के डेटा तक ही सीमित हो सकता है। ऐसे में आपको किसी टॉपिक पर फेक या आउटडेटेड जानकारी मिल सकती है।
डेटा प्रोटेक्शन नियम: सेंसिटिव जानकारी को पहचानने और हटाने की प्रक्रिया लागू।
कंटेंट मॉडरेशन सिस्टम: गलत या हानिकारक चैट को ब्लॉक करने के लिए ऐक्टिव टूल्स।
AI एक्सपर्ट्स की ट्रेनिंग टीम: सुरक्षित और जिम्मेदार AI के लिए मॉडल को लगातार अपडेट करना।
यूजर कंट्रोल: अब यूजर्स तय कर सकते हैं कि उनकी जानकारी मॉडल को ट्रेन करने में इस्तेमाल हो या नहीं।
सिक्योरिटी रिसर्च और अपडेट्स: किसी भी नए खतरे पर त्वरित रिस्पॉन्स और फिक्स।
प्राइवेसी पॉलिसी को एक-एक कर ध्यान से पढ़ें और सेटिंग्स में जाकर 'Chat History & Training' को बंद कर दें, ताकि आपकी चैट्स AI मॉडल को ट्रेन करने में इस्तेमाल न हो सके।
ChatGPT इंसान नहीं है। उसकी दी गई हर जानकारी फाइनल नहीं है। इसलिए हर जवाब को आंख मूंदकर न मानें, फैक्ट-चेक जरूर करें। किसी भी जरूरी फैसले से पहले गूगल या एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें।
कोई फेक URL या थर्ड-पार्टी एक्सटेंशन से ChatGPT न चलाएं। इससे डेटा चोरी का खतरा हो सकता है। सिर्फ ऑफिशियल वेबसाइट या ऐप से ही यूज करें।
चैटजीपीटी या किसी भी एआई टूल पर हेट स्पीच, पॉलिटिक्स, क्राइम, हिंसा या धार्मिक चीजों पर चैट करने से बचें। इससे अकाउंट बैन भी हो सकता है। सेंसिटिव डेटा डालने से पहले 2 बार सोचें, क्या ये ChatGPT को बताना जरूरी है?
AI सिर्फ एक असिस्टेंट है, एजवाइजर नहीं। इसे इंसान समझने की गलती न करें। अपनी प्राइवेसी और डिजिटल सेफ्टी की रिस्पॉन्सिबिलिटी खुद लें।