
Made in India Smartphones Advantages : टेक इंडस्ट्री में 'Make in India' की धमक अब दुनिया तक पहुंच चुकी है। पहले Apple और अब Samsung जैसी सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनियां भारत को अपने ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग बेस में बदल रही हैं। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की नई ट्रेड पॉलिसी और बढ़े हुए टैरिफ के चलते कंपनियां अब वियतनाम जैसे देशों से शिफ्ट होकर भारत में प्रोडक्शन कर रही हैं। सैमसंग अब अपनी ग्रेटर नोएडा फैक्ट्री को अमेरिका एक्सपोर्ट हब बनाने की प्लानिंग में है। एपल पहले से ही भारत में अपना फोन बना रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च से मई 2025 के बीच एपल ने जो iPhones एक्सपोर्ट किए, उनमें से 97% अमेरिका भेजे गए। ये सभी भारत में ही बने थे। इस दौरान भारत से अमेरिका को ₹27,000 करोड़ के आईफोन एक्सपोर्ट हुए। सिर्फ मई 2025 में ही ₹8,600 करोड़ के आईफोन भारत से अमेरिका भेजे गए। ये बदलाव सिर्फ जियोपॉलिटिक्स का हिस्सा नहीं, बल्कि भारतीय टेक यूजर्स के लिए बड़ा भरोसे का संकेत है। ऐसे में आइए जानते हैं Made in India स्मार्टफोन्स के 5 बड़े फायदे और 2 नुकसान...
जो फोन अमेरिका भेजे जा रहे हैं वही मॉडल्स भारत में भी बन रहे हैं। इसका मतलब क्वालिटी वही, लेकिन कीमत लोकल टैक्स और डिस्ट्रीब्यूशन की वजह से किफायती है।
लोकल प्रोडक्शन का मतलब है कि स्पेयर पार्ट्स और सर्विस सेंटर ज्यादा उपलब्ध होंगे, जिससे रिपेयरिंग सस्ती और तेज होती है।
अब iPhone और Galaxy के नए मॉडल्स का वेटिंग पीरियड कम होगा। भारत में मैन्युफैक्चर होने के कारण पहले बैच में ही कई बार मॉडल्स भारत में लॉन्च हो सकते हैं।
'मेड इन इंडिया' खरीदकर आप लाखों लोगों की नौकरियों और भारत के मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को मजबूत करते हैं।
जो फोन अमेरिका जैसे रेगुलेटेड मार्केट्स के लिए बनते हैं, उनमें स्टैंडर्ड्स बहुत सख्त होते हैं। ऐसे में अगर वही फोन भारत में भी मिलते हैं, तो भरोसा खुद-ब-खुद बढ़ जाता है।
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कई बार 'मेड इन इंडिया' सिर्फ असेंबली को दिखाता है, जिससे यूजर को लगता है कि पूरा फोन यहां बना है, जबकि चिप और डिस्प्ले जैसी कोर चीजें बाहर से आती हैं।
कई बार कंपनियां भारत के लिए लोअर स्पेक्स या सॉफ्टवेयर लिमिटेशन वाले वैरिएंट्स भी लॉन्च करती हैं, इसलिए यूजर्स को फोन लेने से पहले स्पेसिफिकेशन जरूर चेक करने चाहिए।