
जब हम कोई नया स्मार्टफोन खरीदते हैं, तो अक्सर हम उसकी कीमत, फीचर्स, बैटरी क्षमता और कैमरे जैसी चीजों पर ध्यान देते हैं। लेकिन कई लोग स्मार्टफोन के एक ज़रूरी हिस्से, यानी सॉफ्टवेयर सपोर्ट के बारे में भूल जाते हैं। नई रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया भर में 60% से ज़्यादा एंड्रॉयड यूज़र्स अभी भी पुराने एंड्रॉयड वर्ज़न (जैसे एंड्रॉयड 13 या उससे पहले के) का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका मतलब है कि लगभग एक अरब लोग ऐसे डिवाइस इस्तेमाल कर रहे हैं, जिन्हें गूगल से नए सिक्योरिटी पैच या सुरक्षा नहीं मिल रही है। यह एक गंभीर साइबर खतरा पैदा करता है।
हैकर्स आपके फोन में घुसने के लिए हर दिन नए तरीके खोजते रहते हैं। इसलिए, ज़िम्पेरियम की 2025 ग्लोबल मोबाइल थ्रेट रिपोर्ट कहती है कि सिक्योरिटी अपडेट्स की कमी आपके डेटा को चोरी होने के खतरे में डाल सकती है। उदाहरण के लिए, गूगल ने दिसंबर 2025 में एंड्रॉयड में 107 कमजोरियों को ठीक करने के लिए अपडेट जारी किए थे। इन 107 कमजोरियों में से 40% बेहद खतरनाक थीं, जिनमें फोन का कंट्रोल किसी और के हाथ में जाना भी शामिल था। लेकिन पुराने एंड्रॉयड फोन इस्तेमाल करने वालों को ये सिक्योरिटी अपडेट्स नहीं मिले।
सुरक्षा के मामले में, एप्पल का सिस्टम काफी मजबूत साबित हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि दुनिया के लगभग 90% एक्टिव आईफोन हमेशा लेटेस्ट सॉफ्टवेयर और सिक्योरिटी अपडेट से लैस होते हैं। एप्पल सालों से अपने पुराने मॉडल्स को भी अपडेट देता रहता है।
अगर आप एक नया एंड्रॉयड फोन खरीदने की सोच रहे हैं, तो सिर्फ फोन के आकर्षक फीचर्स पर ही ध्यान न दें। यह पक्का करें कि कंपनी कम से कम तीन से चार साल के सिक्योरिटी अपडेट और कम से कम दो साल के ऑपरेटिंग सिस्टम अपग्रेड का वादा कर रही है या नहीं। याद रखें, इस डिजिटल युग में, जहां बैंकिंग से लेकर निजी जानकारी तक सब कुछ स्मार्टफोन में है, सुरक्षा कोई लग्जरी नहीं, बल्कि एक ज़रूरत है।
1. अपने एंड्रॉयड फोन की सेटिंग्स में जाकर ओएस वर्ज़न को अपडेट करने की कोशिश करें।
2. अगर फोन का नया ओएस वर्ज़न उपलब्ध है, तो बिना देर किए उसे अपडेट करें।
3. अगर आपके फोन में प्ले स्टोर के बाहर से कोई ऐप इंस्टॉल है, तो उसे तुरंत हटा दें।