
Sanchar Saathi Pre Installation Update : सरकार ने बुधवार को सभी स्मार्टफोन पर संचार साथी ऐप के प्री-इंस्टॉलेशन की अनिवार्यता को खत्म कर दिया। बताया जा रहा है कि सरकार ने ऐप की बढ़ती एक्सेप्टेंस के बाद यह रोलबैक किया है। बता दें कि 1.4 करोड़ से ज्यादा यूज़र पहले ही संचार साथी डाउनलोड कर चुके हैं और इंस्टॉलेशन लगातार बढ़ रहा है। इससे पहले डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स (DoT) ने 28 नवंबर के एक ऑर्डर में मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों को नए स्मार्टफोन के साथ-साथ मौजूदा डिवाइस में भी सॉफ्टवेयर अपडेट के ज़रिए संचार साथी ऐप पहले से इंस्टॉल करने का आदेश दिया था।
सरकार ने कहा कि मैन्युफैक्चरर्स, जिसमें अमेरिका की बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी Apple भी शामिल है, कानूनी चुनौती की तैयारी कर रही थी। संचार साथी ऐप को प्री-इन्स्टॉल करने का ऑर्डर इसलिए वापस लिया गया, क्योंकि इस ऐप को डाउनलोड करने वाले यूजर्स की संख्या (24 घंटे में 6 लाख से ज्यादा और कुल मिलाकर 1.4 करोड़) तेजी से बढ़ रही है"। सरकार ने कहा कि प्री-इंस्टॉल का ऑर्डर इस प्रोसेस को तेज करने के लिए दिया गया था"।
बता दें कि इससे पहले मंगलवार 2 दिसंबर को सरकार की ओर से एक बयान में कहा गया था, "हमने नागरिकों को साइबर सिक्योरिटी देने के इरादे से सभी स्मार्टफोन पर संचार साथी ऐप को पहले से इंस्टॉल करना जरूरी कर दिया है। यह ऐप सिक्योर है और साइबर दुनिया में बुरे लोगों से नागरिकों की मदद करने के लिए है। ऐप में यूजर्स को प्रोटेक्ट करने के अलावा कोई और फंक्शन नहीं है और वे जब चाहें ऐप को हटा सकते हैं।"
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार सुबह लोकसभा में कहा, "संचार साथी ऐप के साथ जासूसी न तो मुमकिन है और न ही होगी और मैं इसे किसी भी दूसरे ऐप की तरह डिलीट कर सकता हूं, क्योंकि डेमोक्रेसी में हर नागरिक को यह अधिकार है। हमने यह कदम (जरूरी प्री-इंस्टॉलेशन) इसलिए उठाया ताकि यह सभी के लिए आसान हो सके।" उन्होंने आगे कहा, "ऐप की सफलता लोगों की भागीदारी पर निर्भर करती है। लेकिन अब, लोगों से मिले फीडबैक के आधार पर हम ऑर्डर में बदलाव लाने के लिए तैयार हैं।"
बता दें कि सरकार का यह रोलबैक तब आया, जब विपक्षी नेताओं और सिविल एक्टिविस्ट ने इस पर जमकर हंगामा मचाया। विपक्ष की ओर से चिंता जताते हुए कहा गया कि प्री-इंस्टॉलेशन निर्देश प्राइवेसी अधिकारों का उल्लंघन करता है और ऐप का इस्तेमाल लोगों की जासूसी करने के लिए किया जा सकता है, जो 2021 के पेगासस स्पाइवेयर स्कैंडल की याद दिलाता है।