सोनम वांगचुक ने बताया कि लाईफाई टेक्नोलॉजी का सफल परीक्षण करने वाला भारत दुनिया का पहला और इकलौता देश है। यह टॉवर बेस्ड वाईफाई नेटवर्क से ज्यादा बेस्ट है। इसमें लेजर बीम की मदद से 5G डेटा को ट्रांसमिशन किया जाता है।
टेक डेस्क : आमिर खान (Aamir Khan) की 'थ्री इडियट्स' आपको याद है ना? जिस फुंगसुक वांगडू के किरदार को आमिर ने हिट कर दिया था, उन्होंने ने ही एक ऐसी टेक्नोलॉजी बना दी है, जो आपको हैरत में डाल देगी। उनका नाम सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) है और उन्होंने लद्दाख (Ladakh) एक नई टेक्नोलॉजी लाईफाई (LiFi) की टेस्टिंग की है। कमाल की बात ये है कि उनका ये इनोवेशन सफल रहा है। अब तक आपने Wi-Fi का नाम सुना है लेकिन लाईफाई क्या है, इसका काम क्या है, इसे क्यों बनाया गया है? आइए जानते हैं...
LiFi Network क्या है
LiFi का पूरा नाम लाइफ फिडैलिटी टेक्नोलॉजी है। इसकी मदद से पहाड़ी इलाकों में 5G नेटवर्क पहुंचाने में मदद मिलेगी। दरअसल, पहाड़ों में मोबाइल नेटवर्क लगाना और बिजली से उन्हें चलाना काफी परेशानी भरा होता है। फाइबर नेटवर्क के लिए केबल बिछाने की जरूरत नहीं होती है। लद्दाख में रहने वाले वैज्ञानिक सोनम वांगचुक की इस पहल पर भारत के पहले LiFi लेजर 5G इंटरनेट का सफल परीक्षण कर लिया है। लद्दाख में दुनिया का पहला लाईफाई 5G नेटवर्क स्थापित हो गया है। ऐसा करके भारत ने इतिहास रच दिया है।
वाईफाई के मुकाबले फास्ट इंटरनेट स्पीड
लाईफाई को स्थापित करने के लिए अहमदाबाद की कंपनी नव वायरलेस टेक्नोलॉजी की हेल्प ली गई है। लद्दाख के SECMOL के स्टूडेंट्स ने भी इसमें अपनी भूमिका निभाई है। लाईफाई नेटवर्क को लेकर दावा किया गया है कि यह वाईफाई से भी तेज इंटरनेट प्रोवाइड करता है। पर्यावरण के लिए भी यह काफी बेहतर है।
लाईफाई की पूरी लागत
सोनम वांगचुक ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि लाईफाई टेक्नोलॉजी का सफल परीक्षण करने वाला भारत दुनिया का पहला और इकलौता देश है। यह टॉवर बेस्ड वाईफाई नेटवर्क से ज्यादा बेस्ट है। इसमें लेजर बीम की मदद से 5G डेटा को ट्रांसमिशन किया जाता है। इस टेक्नोलॉजी में 5G नेटवर्क पहुंचाने में काफी कम खर्चा आता है।
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