टेक डेस्क। अमेरिका गूगल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है। सरकार एक जज से आग्रह करेगी कि वह गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट को उसके क्रोम ब्राउजर को बेचने की अनुमति दे। सोमवार को मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई।
अमेरिकी न्याय विभाग के एंटीट्रस्ट अधिकारियों ने ब्लूमबर्ग की उस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि वे बुधवार को कोर्ट में क्रोम बेचने और गूगल के कारोबार के अन्य पहलुओं में बदलाव की मांग करेंगे।
अक्टूबर में न्याय विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि वे गूगल से मांग करेंगे कि अपने व्यवसाय के तरीके में बदलाव करे। यहां तक कि कंपनी के विभाजन की संभावना पर भी विचार किया जाए। गूगल के बारे में कहा गया है कि यह कंपनी अवैध रूप से इंटरनेट की दुनिया में एकाधिकार चला रही है।
सरकार ने कोर्ट में दायर एक दस्तावेज में कहा कि वह ऐसे विकल्पों पर विचार कर रही है, जिनमें "संरचनात्मक" परिवर्तन शामिल हैं। इसके तहत उसे अपने स्मार्टफोन एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम या क्रोम ब्राउजर में निवेश करने के लिए कहना पड़ सकता है।
गूगल के ब्रेकअप की मांग करना अमेरिकी सरकार के नियामकों द्वारा एक बड़े बदलाव को दिखाता है। दो दशक पहले भी गूगल में विभाजन की बातें की गई थीं। गूगल ने उस समय इस विचार को "क्रांतिकारी" बताकर खारिज कर दिया था।
उद्योग व्यापार समूह चैंबर ऑफ प्रोग्रेस के मुख्य कार्यकारी एडम कोवासेविच ने कहा कि न्याय अधिकारी जो चाहते हैं वह "काल्पनिक" है। यह कानून के अनुसार ठीक नहीं है। वे संकीर्ण रूप से तैयार किए गए उपायों की मांग कर रहे हैं। गूगल की गलतियों को कैसे ठीक करना है यह कोर्ट में चल रहे केस का अगला चरण है। इसमें गूगल को अपने सर्च डेटा को प्रतिद्वंद्वियों को देने के लिए बाध्य करना विचाराधीन था। गूगल द्वारा इस फैसले के खिलाफ अपील किए जाने की संभावना है। इससे यह प्रक्रिया कई साल तक चल सकती है। मामला आखिर में सुप्रीम कोर्ट तक जा सकता है।