भारत सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में क्यों गया Twitter, जानिए आखिर क्या है पूरा मामला

ट्विटर भारतीय अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट जा चुका है। ट्विटर को ऐतराज है कि भारतीय अधिकारी ट्वीट करनेवालों की स्वतंत्रता को छीन रहे हैं। इस आरोपों पर अभी तक आईटी मिनिस्ट्री की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।

Moin Azad | Published : Jul 5, 2022 11:51 AM IST / Updated: Jul 05 2022, 05:53 PM IST

नई दिल्लीः ट्विटर भारतीय अधिकारियों द्वारा कंटेंट वापस लिए जाने के कुछ फैसलों के खिलाफ कोर्ट जा चुका है। भारतीय अधिकारियों पर यह आरोप लगाया गया है कि अधिकारी अपने पद का गलत उपयोग कर रहे हैं। इसको लेकर ट्विटर ने उन्हें कानूनी चुनौती दी है। एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका की इस सोशल मीडिया कंपनी ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब भारत सरकार और ट्विटर के बीच लगातार तकरार की खबरें सामने आ रही हैं। 

आईटी मिनिस्ट्री ने दी है चेतावनी
जानकारी दें कि भारत की आईटी मिनिस्ट्री की ओर से कई बार ट्विटर को चेतावनी दी गई है कि ट्विटर भारत सरकार के नियमों का पालन नहीं करता है। इस पर सरकार आपराधिक कार्रवाई करेगी। ट्विटर ने तर्क दिया कि सरकार के कुछ आदेश ट्विट करनेवालों की स्वतंत्रता में खलल डालने जैसा है। ट्विटर ट्वीट लिखनेवालों को नोटिस देने में विफल रहे। इसमें कहा गया है कि कुछ आदेश ऐसे हैं, जो राजनीतिक पार्टियों के आधिकारिक हैंडल द्वारा पोस्ट की गई है, उसे अवरुद्ध करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। 

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पहले भी सरकार ने कार्रवाई करने को कहा था
जानकारी दें कि ट्विटर को पिछले एक साल में खालिस्तान के समर्थन करनेवाले अकाउंट सहित उसके मैटर पर भारतीय अधिकारियों द्वारा कार्रवाई करने को कहा गया था। कथित तौर पर किसानों द्वारा गलत सूचना फैलाने वाले पोस्ट और सरकार द्वारा COVID-19 महामारी से निपटने को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर कार्रवाई करने को कहा गया था। जानकारी दें कि ट्विटर द्वार कार्रवाई की बात पर अभी तक आईटी मिनिस्ट्री के किसी अधिकारी का बयान नहीं आया है। 

ट्विटर ने सरकार के आदेश का पूरी तरह नहीं किया है पालन
भारत सरकार ने इससे पहले ही कह दिया था कि ट्विटर आदेशों को नहीं मान रहा है। सोशल मीडिया कंपनियों ने कंटेंट हटाने के अनुरोध पर कार्रवाई नहीं की है। पिछले महीने आईटी मिनिस्ट्री ने ट्विटर को सख्त चेतावनी भी दी थी। कहा गया था कि अगर वह कुछ आदेशों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ट्विटर ने अपने खिलाफ कार्रवाई होने के डर से इस हफ्ते सरकार के आदेशों को पालन किया है।  

ट्विटर की दलील- कानूनसम्मत नहीं हैं सरकार के आदेश 
ट्विटर ने ज्यूडिशियल रिव्यू की मांग की है। दलील दिया गया है कि कुछ रिमूवल ऑर्डर भारत के आईटी एक्ट के प्रावधानों पर खड़े नहीं उतरते हैं। ट्विटर ने साफ तौर पर जिक्र नहीं किया है कि वह किस रिमूवल ऑर्डर की ज्यूडिशियल रिव्यू चाहता है। जानकारी दें कि सरकार को हक है कि आईटी ऐक्ट के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा समेत अन्य कारणों से कुछ कंटेंट को लोगों तक पहुंचने से सरकार रोक सकती है।

ऐसे शुरू हुआ ट्विटर और भारत सरकार में टकराव
भारत सरकार और ट्विटर के बीच तब टकराव पिछले साल बढ़ा। पिछले साल की शुरुआत में कंपनी ने सरकार के एक आदेश पर पूरी तरह अमल करने से मना कर दिया था। सरकार ने आदेश दिया था कि कुछ अकाउंट के खिलाफ एक्शन लिया जाए। सरकार ने ट्विटर को जानकारी भी दी थी कि उस अकाउंट्स से सरकार विरोधी किसान आंदोलन के बारे में कथित तौर पर झूठी और भ्रामक सूचनाएं फैलायी जा रही हैं।

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