एक्सपर्ट से जानें आखिर कैसे काम करता है Pegasus Spying , ये फोन में है तो आप पता लगा सकते हैं या नहीं?

पेगासस के मामले में ये कोड एक एसएमएस में रूप में आपके पास आ सकता है, जिसे एक्टिव करने के लिए बस टैप करने की जरूरत होती है। माना जाता है कि पेगासस के जरिए फोन के कैमरे, माइक्रोफोन को एक्सेस किया जा सकता है। इससे कॉल लॉग की भी जानकारी ली जा सकती है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 19, 2021 4:12 AM IST / Updated: Jul 19 2021, 02:39 PM IST

नई दिल्ली. ब्रिटेन के अखबार द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पेगासस नाम के सॉफ्टवेयर के जरिए कई पत्रकारों, सोशल एक्टिविस्ट और बड़े वकीलों की जासूसी करवाई गई। पेगासस को इजरायली निगरानी फर्म एनएसओ ग्रुप ने बनाया है। इसका इस्तेमाल आईफोन और एंड्रॉइड फोन में सेंध लगाने के लिए करते हैं।

स्पाइवेयर का मकसद क्या था?

स्पाइवेयर आतंकवादियों को ट्रैक करने के लिए डिजाइन किया गया था। मन में सवाल आता है कि पेगासस आपके डिवाइस में कैसे घुस सकता है। आपकी व्यक्तिगत जानकारी ले सकता है? सीधे शब्दों में कहें स्पाइवेयर एक तरह का कोड है, जिसका उद्देश्य किसी के कंप्यूटर, फोन या अन्य उपकरणों से जानकारी इकट्ठा करना है। 

पोगासस फोन में कैसे आता है?

पेगासस के मामले में ये कोड एक एसएमएस में रूप में आपके पास आ सकता है, जिसे एक्टिव करने के लिए बस टैप करने की जरूरत होती है। माना जाता है कि पेगासस के जरिए फोन के कैमरे, माइक्रोफोन को एक्सेस किया जा सकता है। इससे कॉल लॉग की भी जानकारी ली जा सकती है। 

हैकर्स आपकी फोटो, रिकॉर्डिंग, पासवर्ड, कॉल लॉग और यहां तक ​​कि सोशल मीडिया पोस्ट तक पहुंच सकते हैं। सबसे परेशान करने वाली बात ये है कि जिसके फोन की जासूसी हो रही है, उसे कभी पता ही नहीं चलेगा कि उसके साथ क्या हो रहा है। 

एक्सपर्ट वीडियो - साइबर फोरेंसिक एक्सपर्ट और केरल पुलिस महानिदेशक के चीफ टेक्नोलॉजी एडवाइजर विनोद भट्टाथिरिपाद से जानिए पेगासस पर पूरी डिटेल...

"

Share this article
click me!