कोरोना की तीसरी लहर 6-8 हफ्ते में आ सकती है...जानें एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने ऐसा क्यों कहा?

डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, वैक्सीन पूरा होने तक हमें आक्रामक तरीके से काम करना होगा। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि पूरे देश में लॉकडाउन लगाने से महामारी पर कंट्रोल नहीं मिलेगा, क्योंकि इससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी।

Asianet News Hindi | Published : Jun 19, 2021 12:22 PM IST

नई दिल्ली. एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अगर कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया तो भारत छह से आठ हफ्ते में कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ सकती है। उन्होंने कहा, जब तक आबादी के एक बड़े हिस्से को वैक्सीन नहीं लग जाती है, तब तक कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा।
 
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, वैक्सीन का काम पूरा होने तक हमें आक्रामक तरीके से काम करना होगा। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि पूरे देश में लॉकडाउन लगाने से महामारी पर कंट्रोल नहीं मिलेगा, क्योंकि इससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी। एम्स के निदेशक ने यह भी दोहराया कि अब तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि अगली कोविड -19 लहर में बच्चे अधिक प्रभावित होंगे।

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को भेजे पत्र में यह कहा कि संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए कोविड -19 के खिलाफ वैक्सीनेशनल महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को तेजी से अधिक से अधिक लोगों को कवर करने के लिए वैक्सीनेशन की गति तेज करनी चाहिए।

भारत में तीसरी कोविड -19 लहर कब आ सकती है?
एक्सपर्ट्स की माने तो कोरोना वायरस की तीसरी लहरसितंबर-अक्टूबर से शुरू होने की संभावना है। भारत को अप्रैल-मई में कोरोनो वायरस की दूसरी लहर का सामना करना पड़ा था। 

भारत में कोविड-19 के केस 
शनिवार को भारत में सक्रिय कोविड -19 मामलों की संख्या 7,60,019 थी, जो 74 दिनों में सबसे कम थी। मरने वालों की संख्या 3,85,137 हो गई। 

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