कोई भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है या नहीं, इसकी जानकारी आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिए की जाती है। अब आईसीएमआर ने आरटी-पीसीआर को लेकर नई गाइडलाइन जारी किया है, जिसमें बताया गया है किन परिस्थितियों में आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना चाहिए और कब नहीं।
नई दिल्ली. कोई भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है या नहीं, इसकी जानकारी आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिए की जाती है। अब आईसीएमआर ने आरटी-पीसीआर को लेकर नई गाइडलाइन जारी किया है, जिसमें बताया गया है किन परिस्थितियों में आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना चाहिए और कब नहीं।
कब आरटी-पीसीआर टेस्ट की जरूरत नहीं है?
रैपिड एंटीजन टेस्ट में कोविड संक्रमित होने पर आरटी-पीसीआर टेस्ट नहीं कराना चाहिए।
जब पहली बार आरटी-पीसीआर टेस्ट में व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया हो।
जब कोई व्यक्ति 10 दिनों तक होम आइसोलेशन में हो और 3 दिन से बुखार न आया हो
हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के समय आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।
अगर किसी व्यक्ति ने अंतरराज्यीय यात्रा की है तो टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है
क्यों जारी की गई नई गाइडलाइन?
अभी भारत में 2,506 लैब हैं जहां टेस्ट किए जा रहे हैं। नई गाइडलाइन जारी करने का उद्देश्य ये है कि लोग बिना वजह टेस्ट न कराए, जिससे की लैब्स पर बोझ नहीं बढ़ेगा।
आईसीएमआर ने कहा, अभी लैब में काम करने वाले कर्मचारियों के संक्रमित होने की वजह से ज्यादा लोड है। ऐसे में टेस्टिंग के टारगेट को पूरा करने में मुश्किल आ रही है। इस स्थिति को देखते हुए आरटी-पीसीआर सिर्फ वे ही लोग कराएं, जिन्हें जरूरत हो।
कब आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना चाहिए?
आईसीएमआर ने कहा, अगर रैपिड एंटीजन में कोई व्यक्ति कोरोना निगेटिव आता है, लेकिन उसमें कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं तो उसे कोरोना का आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना चाहिए।
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