बांग्लादेशियों ने सीखे मछली के इतने सारे उपयोग कि हर तरफ से पैसा आ रहा है, पढ़िए इंटरेस्टिंग स्टोरी

बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में मछली उत्पादन का बड़ा योगदान रहता है। आपको जानकार ताज्जुब होगा कि अकेले मछलियों के स्केल्स(जिसे हिंदी में शल्क कहते हैं-Fish scales) की दुनिया के कई देशों में बड़ी डिमांड है। यह यहां 15 रुपए प्रति किलो तक बिकता है। 

ढाका. बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में मछली उत्पादन(fish production) का बड़ा योगदान रहता है। आपको जानकार ताज्जुब होगा कि अकेले मछलियों के स्केल्स(जिसे हिंदी में शल्क कहते हैं-Fish scales) की दुनिया के कई देशों में बड़ी डिमांड है। यह यहां 15 रुपए प्रति किलो तक बिकता है। पहले बता दें शल्क या स्केल्स होते क्या हैं? यह मछली, सांप, तितली, चील के पंजों के ऊपर की एक कठोर परत होती है। यह त्वचा को वातावरण, शिकार या अन्य हानि से सुरक्षित रखती है। बांग्लादेश के जेस्सोर(Jessore) जिले के उदाहरण से मछली के स्केल्स से हो रही कमाई का गणित समझते हैं।


जेस्सोर जिले के मछली बाजारों में मछली के स्केल्स 15 रुपए प्रति किलोग्राम की रेट से बेचे जाते हैं। कुछ प्रोसेसिंग के बाद मछलियों के इन अवशिष्ट भागों(residual parts) को चीन और जापान सहित कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में निर्यात किया जाता है। एक्सपोर्ट प्रमोशन ब्यूरो के आंकड़ों( Export Promotion Bureau statistics) के मुताबिक, बांग्लादेश हर साल 200 करोड़ रुपये(बांग्लादेशी मुद्रा टका) मूल्य की मछली का निर्यात करता है।

Latest Videos


मछली के स्केल्स का उपयोग बैटरी, इलेक्ट्रिकल प्रॉडक्ट्स, आर्टिफिशियल कॉर्निया और हड्डियों, मेडिसिन्स, मछली और पोल्ट्री फीड के अलावा विभिन्न सौंदर्य प्रसाधनों(cosmetics items) के उत्पादन के लिए किया जाता है। जेसोर में मछली के स्केल्स की हाई डिमांड है। यहां 1 किलो मछली काटने के लिए 10 रुपये चार्ज करने के अलावा, मछली काटने वाले स्केल्स बेचकर प्रति माह 20,000 रुपये अतिरिक्त कमाते हैं।

मछली काटने वाले एमडी जाहिद कहते हैं-“न केवल स्केल्स बल्कि हम फिश गॉल्स(fish galls) भी बेचते हैं। गाल्स और  Gills (गलफड़ों) का उपयोग मछली के भोजन के उत्पादन के लिए किया जाता है, जबकि मछलियों के गलफड़ों का उपयोग सूखने के बाद सूप बनाने के लिए किया जाता है।”

एक वेयरहाउस के मालिक एमडी बबलू डेली बेस पर जेस्सोर के विभिन्न मछली बाजारों से मछली के स्केल्स एकत्र करते हैं। एक स्थानीय मीडिया से उन्होंने कहा कि वह चटगांव में व्यापारियों को मछली के स्केल्स बेचते हैं, जो बाद में अन्य देशों को निर्यात किए जाते हैं। बबलू ने कहा-“मैं 2500 रुपये से 3000 रुपये प्रति मन (1 मन = लगभग 40 किग्रा) की दर से मछली के स्केल्स बेचता हूं। व्यवसाय की शुरुआत सबसे पहले ढाका के एक व्यापारी शम्सुल आलम ने की थी। मछली के स्केल्स में कोलेजन फाइबर और अमीनो एसिड(collagen fibre and amino acid) जैसे रासायनिक घटक(chemical components) होते हैं, जो सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुओं और दवाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक होते हैं।” 


व्यापारियों ने बताया कि एक स्पेशल प्रोसेस के द्वारा मछली के स्केल्स को बेचने के लिए तैयार किया जाता है। तैलीय पदार्थों(oily substances) से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले मछली के स्केल्स को इकट्ठा किया जाता है और साफ या गर्म पानी में धोया जाता है। गीले स्केल्स को धोने के बाद उन्हें कुरकुरे बनाने के लिए खुले में सुखाया जाता है। कुछ लोग स्केल्स को मिक्सर में पीसकर पाउडर बनाकर बेचते हैं। मछली के स्केल्स की कीमतें मछली के प्रकार और आकार के अनुसार भिन्न होती हैं। बड़ी मछलियों के स्केल्स हाई रेट पर बेचे जाते हैं, जबकि झींगा जैसी छोटी मछलियों के स्केल्स भिन्न दर पर बेचे जाते हैं। इसके अलावा मछली के गॉल्स और Gills (गलफड़े) के दाम भी स्केल्स के दाम से अलग होते हैं।

बांग्लादेश एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन्स अथॉरिटी के अनुसार, केवल 10-12 व्यापारी ही मछली के स्केल्स के निर्यात में शामिल हैं। हालांकि, लगभग 5,000 लोग सीधे व्यापार से जुड़े हुए हैं। हर साल कुल 2,500 टन मछली के स्केल्स का निर्यात किया जाता है, जो 200 करोड़ रुपये( टका) की विदेशी मुद्रा लाता है।

मछली स्केल के व्यापारियों ने कहा कि अगर उन्हें सरकार से प्राथमिकता और फोकस मिले तो उनके कारोबार में और अधिक बढ़ने की क्षमता है। जेस्सोर के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) तमीजुल इस्लाम खान ने कहा कि वे संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में बात करेंगे।

यह भी पढ़ें
यही है वो मछली जल की रानी, जो 10 डॉलर में 1KG आती है, समुद्री लुटेरों की भी रहती है इस पर नजर
ऐसा कौन-सा अमृत भरा है इस मछली में कि सिक्योरिटी देनी पड़ती है, चंदा करके खाने की होती है जुगाड़?
अजीब हुई बांग्लादेश की इस 'मछली रानी' की कहानी, रेट सुन लोगों के हाथ से फिसल रही है, पढ़िए ये माजरा क्या है?

Share this article
click me!

Latest Videos

The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी
अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा
बांग्लादेश ने भारत पर लगाया सबसे गंभीर आरोप, मोहम्मद यूनुस सरकार ने पार की सभी हदें । Bangladesh